Owner/Director : Anita Khare
Contact No. : 9009991052
Sampadak : Shashank Khare
Contact No. : 7987354738
Raipur C.G. 492007
City Office : In Front of Raj Talkies, Block B1, 2nd Floor, Bombey Market GE Road, Raipur C.G. 492001
रायपुर. पूर्व कलेक्टर ओपी चौधरी के दिल्ली से लौटने के बाद एयरपोर्ट पर जमकर स्वागत किया गया. उसके बाद एकात्म परिसर में ओपी चौधरी प्रेस कांफ्रेंस कर मीडियाकर्मियों से मुखातिब हुए. साथ में प्रदेश अध्यक्ष धरमलाल कौशिक ने भी मीडिया से बातचीत की. धरमलाल कौशिक ने कहा कि पार्टी में ओपी चौधरी के आने के बाद बीजेपी और मजबूत होगी. प्रशासनिक अधिकारी के रूप में उनके अनुभवों का लाभ मिलेगा. ओपी चौधरी को मोल भाव कर नहीं लाया गया है. वह अपनी स्वेच्छा से पार्टी में आये हैं. माटी की सेवा करने के लिए उन्होंने राजनीति में आने का निर्णय किया है.
ओमप्रकाश चौधरी ने कहा कि मैं बायंग गांव से निकला. किन परिस्थितियों में मैं निकला इसे आप सब जानते हैं. मैं गांव की गलियों से अपने सपने को लेकर निकला. मेहनत कर आईएएस बना. मैंने 13 सालों के करियर में बेस्ट करने की कोशिश की. जो बेहतर कर सकता था वह करने का प्रयास किया. मैं महसूस करने लगा था कि मंत्रालय में बड़े से बड़े पद पर पहुँच तो जाता लेकिन सीधे तौर पर लोगों से जुड़ाव कम हो जाता. आज मैं देखता हूँ कि देश में कर्मठ प्रधानमंत्री के नेतृत्व में देश तेजी से आगे बढ़ रहा है. वहीं प्रदेश में रमन सिंह ने विकास की दिशा बदली. बस्तर शोषण का सबसे बड़ा पर्याय था. सरकार ने पीडीएस शुरू कर लोगों की जिन्दगी बदली.
उन्होंने आगे कहा कि राजनीतिक तंत्र खराब है तो प्रशासनिक तंत्र खराब हो जाता है. लेकिन राजनीतिक तंत्र बेहतर हो तो सैडकों प्रशासक बनाये जा सकते हैं. दीनदयाल उपाध्याय जी के अंत्योदय से मैं प्रभावित होता रहा हूँ. अटल बिहारी वाजपेयी से प्रभावित रहा हूँ. मुझे लगता है कि यदि कोई पार्टी देश को आगे ले जा सकती है तो वह बीजेपी ही है.
यही पार्टी है जहां कवर्धा का एक पार्षद मुख्यमंत्री बनता है, तो बड़नगर में चाय बेचने वाला प्रधानमंत्री बनता है.
ओपी चौधरी ने प्रेस कांफ्रेंस के दौरान आगे कहा कि आरोप और चर्चा असफल लोगों के हिस्से होता है. नौकरशाही में लोगों से मिलने में कुछ बंधन होता है. मैं उस बंधन से मुक्त होने राजनीति में आया हूँ. नौकरशाही के अपने रूल्स है. मेरा मानना है कि लोकतांत्रिक व्यवस्था में राजनीतिक तंत्र ही सबसे बड़ी चीज है. राजनीतिक तंत्र से बेहतर प्रशासनिक तंत्र डेवलप किया जा सकता है. प्रयास बनाना मेरी विचारधारा रही है. नालंदा बनाना मेरी विचारधारा रही है. एजुकेशन सिटी बनाना मेरी विचारधारा रही है. मेरी विचारधारा को लेकर कौन क्या कह रहा है इससे कोई मतलब नहीं है.
::/fulltext::रायपुर. इन दिनों पेट्रोल डीजल की कीमतों में काफी उतार चढ़ाव हो रहा है. जिसको लेकर छत्तीसगढ़ कांग्रेस कमेटी के चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष व पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ चरणदास महंत ने कहा है कि छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में पेट्रोल-डीजल की कीमतें अन्य राज्य जैसे पं. बंगाल, झारखंड, महाराष्ट्र, ओडि़शा से महंगी हो चुकी हैं. यहाँ पेट्रोलियम पदार्थों में 25 फीसदी वैल्यू एडेड टैक्स (वैट) अब लोगों की जेब पर और भारी पड़ रहा है। जिसकी वजह से यहाँ डीजल प्रति लीटर 72. 75 और पेट्रोल प्रति लीटर 75. 97 रुपए प्रति लीटर कीमत पर पहुंच चुका है.
बीते सात महीनों के आंकड़ों पर नजर डालें तो पेट्रोल-डीजल की कीमतें कम होने के बजाय और बढ़ीं है। इन महीनों में पेट्रोलियम पदार्थ की कीमतें मामूली कम हुई, लेकिन बढ़ोत्तरी ज्यादा है जिसका असर सीधे लोगों की जेब पर पड़ रहा है। डीजल में बढ़ोतरी से परिवहन की लागत की कीमत आम लोगों से वसूली जा रही है, जिसका असर एफएमसीजी सेक्टर में दिखाई दे रहा है।
महंत ने कहा कि डीजल की कीमतों में एक महीने के भीतर जहां 2.78 रुपए की वृद्धि हुई है, वहीं पेट्रोल में 2 रुपए की वृद्धि हुई है। ट्रांसपोर्ट कारोबारियों का भी कहना है कि पड़ोसी राज्य पं.बंगाल, झारखंड, ओडि़शा और महाराष्ट्र में पेट्रोलियम पदार्थों में वैट 25 फीसदी से कम है। इसलिए राज्य में पेट्रोलियम पदार्थ में महँगाई का सामना करना पड़ा रहा है।
यही नहीं रायपुर पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन के सचिव अभय भंसाली ने कहा है कि पड़ोसी राज्यों की तुलना में पेट्रोलियम पदार्थों में 25 फीसदी वैट होने की वजह से यहाँ पेट्रोल-डीजल महँगा पड़ रहा है। पेट्रोल-डीजल की कीमतें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तय होती हैं, लेकिन वैट का असर कीमतों पर पड़ता है। राजधानी रायपुर में अक्टूबर 2017 से लेकर अप्रैल तक डीजल कीमतों में वृद्धि पर गौर करें तो डीजल की कीमतों में कमी होने के बजाय बढ़ोतरी हुई है। अब तक डीजल में 9.71 रुपए की वृद्धि हो चुकी है, वहीं पेट्रोल की कीमतों पर गौर करें तो बीते 7 महीने में 5.73 रुपए की वृद्धि हो चुकी है। पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतों में पड़ोसी राज्य की राजधानी भोपाल की कीमतों पर गौर करें तो यहां डीजल प्रति लीटर 68.76 रुपए है।
चरणदास महंत ने सरकार से पूछा है कि पेट्रोल-डीजल में महंगाई का असर ट्रांसपोर्टर्स अपनी जेब से क्यों भरेगा? इसका असर आम ग्राहकों को महंगाई के रूप में करना पड़ रहा है। परिवहन लागत में पेट्रोल-डीजल में महंगाई का असर हो रहा है। पेट्रोल-डीजल में 25 फीसदी वैट है। यह जीएसटी में शामिल नहीं है इसलिए पेट्रोल-डीजल में टैक्स लेने का अधिकार राज्य सरकार के पास सुरक्षित है लेकिन जब देश में तमाम चीजें जीएसटी के अंतर्गत आती हैं तो पेट्रोलियम पदार्थ इससे अलग क्यों हैं?
महंत ने कहा कि वैसे भी अब जनता भाजपा सरकार के असली चेहरे को पहचान चुकी है लेकिन “मैं यह वादा करता हूँ कि जैसे ही छत्तीसगढ़ में पूर्ण बहुमत से कांग्रेस की सरकार बनती है तो सबसे पहले पेट्रोलियम पदार्थों के दामों पर कटौती की जाएगी ताकि आम जनता को सीधे फायदा पहुंचाया जा सके”।
::/fulltext::रायपुर। रायपुर के पूर्व कलेक्टर ओपी चौधरी के भाजपा प्रवेश के बाद अब प्रदेश के कई IAS अधिकारियों ने राजनीति में प्रवेश करने का मन बना लिया है. सभी IAS भाजपा में शामिल होकर सीधा चुनाव लड़ना चाह रहे हैं. भाजपा से प्रभावित इन IAS अधिकारियों ने पार्टी में शामिल होने के लिए आवेदन भी कर दिया है. यहां तक कि पार्टी नेताओं से उनकी बातचीत भी चल रही है. 65 प्लस का लक्ष्य लेकर चल रही भाजपा उन सभी आवेदनों में उन्हें पार्टी की औपरचारिक सदस्यता दिला कर चुनाव लड़ा सकती है जिनकी इलाकों में अच्छी पकड़ है या जो चुनाव जीत सकते हैं. इस मामले की पुष्टि खुद भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष धरमलाल कौशिक ने की है. कौशिक ने कहा है कि बीजेपी प्रवेश के लिए और भी आवेदन आए हैं. कई IAS की अर्जियां हैं. अभी उनको छांटने का काम चल रहा है.
हालांकि इसके अलावा सोशल मीडिया में भी एक आईएएस अधिकारी राजेश सिंह राणा का नाम इसमें सबसे ऊपर चल रहा है. सोशल मीडिया में उनके इस्तीफा देने की खबर पिछले कई दिनों से वायरल हो रही है. हालांकि यह जो खबरें वायरल हो रही है उसमें इसकी जानकारी नहीं है कि वे किस पार्टी में शामिल हो रहे हैं. माना जा रहा है राजेश सिंह राणा अगर भाजपा प्रवेश करते हैं तो बीजेपी उन्हें बालोद से टिकट दे सकती है. बालोद कलेक्टर रहते हुए उन्होंने वहां जनता के हित में कई कार्य किए हैं. उनके तबादले के बाद जनता सड़क पर उतर आई थी यहां तक कि सीएम हाउस पहुंच कर लोग कलेक्टर का तबादला रद्द करने की मांग कर रहे थे. राजेश सिंह राणा वर्तमान में महिला एवं बाल विकास विभाग में पदस्थ हैं. हालांकि इसकी पुष्टि नहीं हो पाई है.
वहीं राणा के अलावा सचिव स्तर के कुछ अधिकारियों के भी भाजपा में शामिल होने की अटकलें लगाई जा रही हैं. सभी कयासों और अफवाहों पर जल्दी ही विराम लगने की उम्मीद जताई जा रही है.
::/fulltext::