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आइये जानते हैं की आखिर किन कारणों की वजह से महिलाओं में कूल्हे दर्द होते हैं।
फ्लूड की कमी हो जाने से हड्डिया आपस में रगड़ खाने लगती है, जिससे ये कमजोर हो जाती है। गिर जाने या बढ़ती उम्र के कारण भी इसकी हडिड्यां टूटफूट सकती है।
40 वर्ष की उम्र के बाद महिलाओं का मेटाबोलिज्म तेजी से कम होता है जिसकी वजह से उनकी हड्डियों का घनत्व कम होने लगता है और ऐसे में किसी भी आन्तरिक हड्डी का टूटना या चटकना आम बात हो जाती है। इसीलिए अगर आपको कूल्हे में दर्द है तो आप इसे सामान्य ना लें बल्कि किसी अच्छे डॉक्टर के पास जायें।
अक्सर महिलाएं सुंदर दिखने के लिए टाइट कपडे पहनती हैं, टाइट कपडे पहनने से कूल्हे की नसों में दवाब पड़ता है जिसकी वजह से इनमें दर्द होना शुरू हो जाता है।
उम्र बढ़ने के साथ शरीर में कैल्शियम की कमी होने लगती है और कैल्शियम की कमी की वजह से कूल्हों में दर्द होना आम बात है।
महिलाओ को पीरियड्स के दौरान दर्द सबसे अधिक पेट और कूल्हों में होता है और इसके अलावा टांगो में भी हल्का दर्द होता है।
एक गिलास पानी में एप्पल साइडर विनेगर मिलाकर पीने से कूल्हे के दर्द में काफी आराम मिलता है। इसके अलावा ब्रोकली खाने से भी न सिर्फ कूल्हे का दर्द सही होता है बल्कि पूरे शरीर के दर्द में भी आराम मिलता है। ब्रोकली में कई ऐसे पोषक तत्व पाए जाते हैं जो जोड़ों की सेहत लंबे समय तक बरकरार रखते हैं।
पपीते में बड़ी मात्रा में विटामिन सी पाया जाता है। विटामिन सी न केवल इम्यून सिस्टम को बेहतर बनाता है, बल्कि ये कूल्हे के दर्द के लिए भी काफी फायदेमंद है। इसके अलावा सही साइज के जूते पहनकर, एक्सरसाइज करके और मोटापे को नियंत्रित रखकर भी आप जोड़ों के दर्द से राहत पा सकते हैं।
हिप्स के दर्द से छुटकारा दिलाने के लिए विटामिन ई युक्त चीजें बहुत फायदेमंद होती हैं। खासतौर पर बादाम में पाया जाने वाला ओमेगा 3 फैटी एसिड सूजन और गठिया के लक्षणों को कम करने में मददगार होता है। बादाम के अलावा मछली और मूंगफली में भी पर्याप्त मात्रा में ओमेगा 3 फैटी एसिड पाया जाता है।
बर्फ ऐसी चीज है जो न सिर्फ गर्मियों में ठंडक प्रदान करती है बल्कि कूल्हों के दर्द से भी छुटकारा दिलाती है। कूल्हों में दर्द के दौरान यदि बर्फ रगड़ी जाए तो बहुत आराम मिलता है। डॉक्टर्स कहते हैं कि 10 से 15 मिनट तक 4 से 5 बर्फ का प्रयोग किया जा सकता है। इसके अलावा बर्फ को प्लॉस्टिक के बैग में रखकर भी आप कूल्हों की मालिश कर सकते हैं।
कूल्हे के दर्द में लहसुन का सेवन अधिक से अधिक करें इससे काफी आराम मिलता है। विशेषज्ञ भी मानते हैं कि प्याज और लहसुन में कई ऐसे तत्व पाए जाते हैं जो कूल्हे के दर्द में तुरंत आराम पहुंचाते हैं। इनके नियमित सेवन से कूल्हे केदर्द की शिकायत होने का खतरा काफी कम हो जाता है।
कुछ एक्सरसाइज से भी कूल्हें के दर्द में राहत मिलती है। जैसे हलकी फुल्की कसरत, स्ट्रैचिंग व्यायाम इस में मदद करते हैं। दर्दनाक जोड़ को बढ़ाने से सूजन कम हो सकती है और दर्द से छुटकारा पाने में मदद मिल सकती है। अपने कूल्हे की तुलना में अपने टखने या घुटने को ऊपर उठाना आसान है, लेकिन यह अभी भी संभव है। हम्फ्री आपके कूल्हे में लाभ प्राप्त करने के लिए अपने पैरों के साथ झुकाव की भी मदद करता है। स्विमिंग बहुत अच्छी कसरत होती है। यह हड्डियों पर ज्यादा दबाव नहीं डालती।
एक स्त्री होने के नाते आप पर घर की ढेर सारी ज़िम्मेदारियां होती हैं, घर सँभालने से लेकर बच्चों की देखभाल करना, दिन भर में ऐसे कई छोटे बड़े काम आपको करने पड़ते होंगे। ऐसे में अगर आप ऑफिस जाने वाली महिलाओं में से एक हैं तो फिर चीज़ें आपके लिए थोड़ी और मुश्किल हो जाती हैं। हर दिन आपके लिए बेहद चुनौतीपूर्ण रहता है। सुबह समय पर दफ्तर पहुँचना, उससे पहले घर के सभी काम निपटाना, बच्चे की स्कूल की तैयारी आदि ऐसे कई काम होते हैं, जिन्हें आप टाल नहीं सकती हैं। ज़ाहिर सी बात है सुबह सुबह आपको काफी जल्दबाज़ी रहती होगी। अकसर काम करने वाली माताओं को अपनी दिनचर्या व्यवस्थित करने में कई तरह की कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। ख़ास तौर पर तब जब माता पिता दोनों ही काम पर बाहर जाने वाले हो,
सुबह सुबह उन्हें ज़्यादा जल्दबाज़ी होती है क्योंकि उन्हें अपने काम पर भी समय से पहुंचना होता है और अपने बच्चे के लिए पहले से ही दिन भर की सारी तैयारियां करनी पड़ती है। अगर आपका बच्चा स्कूल जाता है तो फिर हर सुबह आपके लिए किसी तूफान से काम नहीं होती होगी। ऐसे में दिन भर की प्लानिंग पहले से करना आपके लिए आसान नहीं होता होगा। खैर आपकी इस समस्या से निपटने के लिए हमारे पास कुछ आसान तरीके हैं जो आपकी हर सुबह को बेहतरीन बना सकता हैं। बस आपको ज़रुरत है थोड़ा सा समय देने की और चीज़ों को सही तरीके से व्यवस्थित करने की। तो चलिए जानते हैं कैसे बनाएं अपनी हर सुबह खुशनुमा और आसान।
पूरे हफ्ते के लिए कपड़े पहले ही चुन लें
सबसे पहले आप अपने पूरे हफ्ते के लिए कपडे पहले ही चुन लें यानी आप किस दिन क्या पहनेंगी यह पहले से ही तय कर लें। ऐसा सिर्फ अपने लिए ही नहीं बल्कि अपने पति और बच्चे के लिए भी करें। ऐसे में हर रोज़ आपका समय यह सोचने में बर्बाद नहीं होगा कि आज क्या पहन कर निकला जाये। सप्ताह के शुरुआत में ही आप अपने और अपने परिवार के कपड़ों का चुनाव कर लें।
नाश्ते में क्या बनाए क्या नहीं
कपड़ों के बाद दूसरी बड़ी समस्या जो हर रोज़ एक स्त्री के सामने आकर खड़ी हो जाती है वह है नाश्ते में क्या बनेगा। अगर आप अपना ज़्यादा वक़्त इस बात पर बर्बाद नहीं करना चाहती हैं तो बेहतर होगा आप एक रात पहले ही सोच लें कि कल सुबह आपको नाश्ते में क्या बनाना है। साथ ही अन्य तैयारियां भी कर लें जैसे सब्ज़ी काटना आदि। इससे सुबह आपके पास तैयार होने या फिर दूसरे कामों के लिए थोड़ा समय बच जाएगा।
दोपहर का खाना
यदि आप सुबह के नाश्ते के अलावा दोपहर का खाना भी बनाने की प्लानिंग कर रही हैं तो ऐसे में बेहतर होगा कि आप नाश्ता हल्का ही रखें जैसे ओटमील और कॉर्नफ़्लेक्स अच्छे विकल्प हैं। इससे आपको दोपहर का खाना बनाने का पर्याप्त समय मिल जाएगा और आप जल्दबाज़ी से भी बच जाएंगी।
जब आप खुद तैयार हों
अगर हर रोज़ पति पत्नी मिल बांटकर सारे काम करें तो आपकी हर सुबह तो वैसे ही बहुत आसान हो जाएगी। जब आप रसोई में अपने कामों में व्यस्त हो या फिर ऑफिस जाने के लिए तैयार हो रही हों तब यदि आपके पति बच्चे को स्कूल जाने के लिए तैयार कर दें या फिर अन्य छोटे छोटे कामों को निपटाने में आपकी मदद कर दें तो आपकी सुबह काम तनावपूर्ण हो जाएगी और आपको जल्दबाज़ी भी नहीं होगी। याद रखिए अगर आप अपने दिन को सही तरीके से व्यवस्थित नहीं करेंगे तो ऐसे में आप शारीरिक और मानसिक दोनों रूप से थका हुआ महसूस करेंगे, मुमकिन है इसका बुरा प्रभाव आपके काम पर भी पड़े। इसलिए बेहतर यही होगा कि पति पत्नी दोनों मिलकर एक दूसरे की मदद करें और अपना हर दिन आसान बनाएं।
हमारे देश में शादी के लिए मैचमेकिंग का कॉन्सेप्ट बहुत ही ज्यादा पॉप्युलर है। जहां हमारे घर के बड़े बूढ़े मिलकर लड़का और लड़की को कुंडली, शिक्षा, कद काठी और रंग के आधार पर एक दूसरे से तुलना करके फैसला लेते है कि ये एक अच्छी जोड़ी बन सकती है। बेशक इनमें से एक भी ये गुण ये बात निर्धारित नहीं करती है कि आप ये सारी खूबियां होने के बाद भी एक अच्छे इंसान और एक अच्छे जीवन साथी बन सकते हैं या नहीं। हालांकि अरैंज मैरिज की प्रक्रिया कभी कभी बहुत ही जटिल लगती है लेकिन कभी-कभी, यह आपके लिए बहुत ही हास्यप्रद भी हो सकती है।
आज हम आपको इस आर्टिकल में बता रहे हैं कि एक इंडियन सोसायटी में परफेक्ट दूल्हा ढूंढते हुए आप कैसे कैसे लड़कों से टकरा सकती है।
जो हर चीज को बारीकी से तोलमोल करने वाले
आपको यकीन नहीं होगा लेकिन आज भी ऐसे लड़के है जो एक लड़की को सूई के पैमाने पर रखकर देखते है। ऐसे लड़कों की अपनी होने वाली पत्नी से आवास्तिवक सी उम्मीदें होती है। वो कैसे भी हो लेकिन उन्हें लड़कियां 100 में से 100 चाहिए। ये लड़के एक छोटी सी बात पर भी लड़कियों के रिश्तों को खारिज करने में देर नहीं करते है। ऐसे लड़के भविष्य में छोटी सी भूल होने पर शादी तोड़ने में भी देर नहीं लगाते है।
इंटरव्यू लेने वाले
हालांकि अरैंज मैरिज के लिए एक दूसरे को जानने के लिए सवाल जवाब करना एक अच्छा ऑप्शन हो सकता है। लेकिन कुछ लड़के ऐसे भी होते है जो आपको जानने के लिए बहुत ही गहराई से आपके बारे में पूछना शुरु कर देते हैं। वो आपसे खोद खोद कर सवाल किया करेंगे। वो अपने बारे में ज्यादा बताना पसंद नहीं करते है लेकिन आपसे जुड़ी हर बात डिटेल में पूछेंगे।
धोखेबाज
अरैंज मैरिज में इन लड़कों से बचने की आपको ज्यादा जरुरत है। ऐसे लड़कें धोखा देने में बहुत ही माहिर होते हैं। ऐसे लड़के शुरु में तो आप में बहुत ज्यादा दिलचस्पी दिखाएंगे, उन्हें लगेगा कि आप उनके लिए परफेक्ट हो। अपने आप को परफेक्ट और क्लासी दिखाने के लिए इन लड़कों को कई तरह की तरकीबें आती है। ऐसे लड़के अपना इम्प्रेशन जमाने के लिए कई तरह के झूठ भी बोल सकते हैं और झूठी शानों शाकौत दिखाने से भी बाज नहीं आते है।
अनिच्छुक और समय बर्बाद करने वाले
आप अरैंज मैरिज के दौरान सही पार्टनर की तलाश करते वक्त कुछ ऐसे लोगों से भी मिलेंगी जो शादी के लिए इच्छुक तो है लेकिन खुद से नहीं दूसरों के कहनें पर। क्योंकि उनके आसपास सभी शादी कर रहें है तो लोगों के कहनें पर वो शादी करने के लिए अपनी सहमति दिखा तो देते है लेकिन वो असल में शादी करना ही नहीं चाहते है। ऐसे लड़के आपका वक्त बर्बाद करने के अलावा कुछ नहीं करना जानते है, वो न तो आपको स्पष्ट तौर से कुछ बोल पाते है और न ही वो आपमें दिलचस्पी लेते हैं। कुछ समय बर्बाद करने के बाद ऐसे लोग ये कहकर पीछा छुड़ाने में जरा वक्त नहीं लगाते है कि मैं शादी को लेकर सीरियस नहीं हूं, बस पैरेंट्स के प्रेशर में आकर तुमसे मिल रहा हूं।
प्लेयर या मंझे हुए खिलाड़ी
ऐसे लोगों को पहचानना बहुत ही मुश्किल भरा काम होता है। ये सबसे खतरनाक तरह के लड़के होते है। इन्हें मालूम होता है कि किस तरह लड़कियों को बातों से इम्प्रेस किया जाता है। ये लड़के शुरु में तो आपकी हर छोटी बात में दिलचस्पी लेते हैं और आपको स्पेशल फील कराने का कोई मौका हाथ से जाने नहीं देते है। इस तरह के लड़के बहुत दोहरे किस्म के होते है जो आपको खूब इमोशनल वेबकूफ बनाते है लेकिन बाद में आपको बिना कोई कारण बताएं पीछे हट जाते है। ऐसे लड़के आपको ये महसूस कराने में बिल्कुल भी देर नहीं लगाते है कि ये रिश्ता आप चाहती है उनकी तरफ से कोई दिलचस्पी नहीं है।
गोल्ड डिगर और लुटेरा
दूल्हा शादी की बात हो और हमारे समाज में दहेज की बात न हो ऐसा कैसे हो सकता है। अरैंज मैरिज के दौरान आप अपनी जिंदगी में एक ऐसे लड़के से जरुर ही मिलेंगी, जिसकी दिलचस्पी आपसे ज्यादा आपके और आपके परिवार के बैंक बैंलेंस में हो। ऐसे लड़कों की मांगे शादी की तारीख फिक्स शुरु होने से लेकर शादी होने के बाद भी खत्म होने का नाम नहीं लेती है। ये सिर्फ पैसों के बल पर शादी करते हैं और रिश्ता चलाते है।
::/fulltext::यहां के पानी की तासीर ऐसी है कि यहां औरतें 65 साल की उम्र में भी गर्भधारण करती हैं और वे बीमार नहीं होती हैं।
हर कोई चाहता है कि बुढ़ापा कभी नहीं आए, मगर बढ़ती उम्र का असर तो हर किसी को आता ही है। हालांकि, दुनिया की एक जगह ऐसी है, जहां के लोग कभी बूढ़े नहीं दिखते हैं। यहां की लड़कियां और महिलाएं इतनी खूबसूरत होती हैं कि उन्हें देखकर लगता है, मानों परियां धरती पर उतर आई हों। यह जगह किसी जन्नत से कम नहीं है। 60 साल की उम्र में भी ये ऐसी लगती हैं जैसे कोई 20 साल की लड़की हो। यहां पर मां और बेटी में को देखकर उनमें फर्क कर पाना मुश्किल है कि कौन मां है और कौन बेटी। यहां के पानी की तासीर ऐसी है कि यहां औरतें 65 साल की उम्र में भी गर्भधारण करती हैं। इस उम्र में मां बनने से इन्हें कोई तकलीफ नहीं होती है। चलिए अब आप को इस जगह के बारे में बता देते हैं। यह जगह है हुंजा घाटी, जो पाक अधिकृत कश्मीर में आती है। गिलगित-बाल्टिस्तान के पहाड़ों में स्थित हुंजा घाटी में पाई जाती है। हुंजा भारत और पाकिस्तान के बीच नियंत्रण रेखा के पास पड़ता है। इस जगह को युवाओं का नखलिस्तान भी कहा जाता है। हुंजा घाटी के लोग बिना किसी बीमारी के औसतन 110 से लेकर 120 साल तक जीते हैं। इस प्रजाति के लोगों की संख्या तकरीबन 87 हजार के पार है। इनकी खूबसूरती का राज इनकी जीवन शैली है। दिल की बीमारी, मोटापा, ब्लड प्रेशर, कैंसर जैसी दूसरी बीमारियां जहां दुनियाभर में फैली हुई हैं। वहीं, हुंजा जनजाति के लोगों ने शायद इसका नाम तक नहीं सुना है। इनकी स्वस्थ सेहत का राज इनका खान-पान है। यहां के लोग पहाड़ों की साफ हवा और पानी में अपना जीवन व्यतीत करते हैं।
ये लोग काफी पैदल चलते हैं और कुछ महीनों तक केवल खुबानी खाते हैं। ये लोग वही खाना खाते हैं जो ये उगाते हैं। खूबानी के अलावा मेवे, सब्जियां और अनाज में जौ, बाजरा और कूटू ही इन लोगों का मुख्य आहार है। इनमें फाइबर और प्रोटीन के साथ शरीर के लिए जरूरी सभी मिनरल्स होते हैं। ये लोग अखरोट का इस्तेमाल करते हैं। धूप में सुखाए गए अखरोट में बी-17 कंपाउंड पाया जाता है, जो शरीर के अंदर मौजूद एंटी-कैंसर एजेंट को खत्म करता है। इस जनजाति के बारे में पहली बार डॉ. रॉबर्ट मैककैरिसन ने पब्लिकेशन स्टडीज इन डेफिशिएन्सी डिजीज में लिखा था।
इसके बाद साल 1961 में JAMA जमा में एक लेख प्रकाशित हुआ, जिसमें उनके जीवनकाल के बारे में बताया गया था। यहां के लोग शून्य के नीचे के तापमान में बर्फ के ठंडे पानी में नहाते हैं। कम खाना और ज्यादा टहलना इनकी जीवन शैली है। दुनिया भर के डॉक्टरों ने भी ये माना है कि इनकी जीवनशैली ही इनकी लंबी आयु का राज है। ये लोग सुबह जल्दी उठते हैं और बहुत पैदल चलते हैं।
इस पूर्व शोध के बाद डॉ. जे एम हॉफमैन ने हुंजा लोगों के दीर्घायु होने का राज पता करने के लिए हुंजा घाटी की यात्रा की। उनके निष्कर्ष 1968 में आई किताब हुंजा- सीक्रेट्स ऑफ द वर्ल्ड्स हेल्दिएस्ट एंड ओल्डेस्ट लिविंग पीपल (HUNZA – Secrets of the world’s healthiest and oldest living people) में प्रकाशित हुए थे।
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