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छह माह तक के बच्चों को केवल दूध से भरपूर न्यूट्रिशन प्राप्त हो जाता है लेकिन जैसे जैसे आपका बच्चा बड़ा होने लगता है उसके खाने पीने का आपको विशेष ध्यान रखना पड़ता है। ऐसे में बच्चे दूध के अलावा अन्य दूसरी चीज़ों का स्वाद चखते हैं और कई बार उन्हें अपने पुराना स्वाद यानी दूध पसंद नहीं आता है ऐसी स्थिति में मम्मी पापा की परेशानी बढ़ना लाज़मी है क्योंकि दूध बच्चों के लिए बेहद ज़रूरी है। अकसर हमने देखा है कि घर के बड़े बच्चों को दूध पीने के लिए ज़ोर देते हैं लेकिन क्या आप यह जानते हैं कि दूध जितना बच्चों के लिए लाभदायक है उतना ही बड़ों के लिए भी।
दूध प्रोटीन, खनिज और विटामिन का पौष्टिक एवं सस्ता स्रोत है। यह बच्चों के मानसिक और शारीरिक दोनों के विकास में सहायक होता है। यह पाचन और तंत्रिका प्रक्रियाओं को बढ़ावा भी देता है, साथ ही लाल रक्त कोशिकाओं के उत्पादन को बढ़ाता है। दूध के कैल्शियम से हड्डियां मज़बूत बनती हैं और इसमें पाए जाने वाले प्रोटीन से मांसपेशियां भी मज़बूत बनती हैं। कहते हैं 11 साल तक के बच्चों को कम से कम दिन में दो बार दूध पीना चाहिए। दूध हमारे आहार का बहुत ही महत्वपूर्ण हिस्सा होता है लेकिन अकसर हमने देखा है कि बच्चे दूध पीने में आनाकानी करते हैं और माता पिता की परेशानियां बढ़ती हैं क्योंकि उनके बच्चे को ज़रूरी पोषण नहीं मिल पाता। लेकिन आप चिंतित न हो क्योंकि केवल आपका बच्चा अकेला नहीं है जो दूध पीने में इतने नखरे करता है या पीने से इंकार कर देता है, ऐसे कई और बच्चे भी हैं जो दूध से नफरत करते हैं। आज अपने इस लेख में हम आपको कुछ उपाय बताएंगे जिसकी मदद से शायद आपका बच्चा आसानी से दूध पीने लगे। तो चलिए जानते हैं उन उपायों के बारे में।
स्वादयुक्त दूध
कई बच्चों को सादा दूध पसंद नहीं आता है। ऐसे में अगर आप उन्हें चॉकलेट या स्ट्रॉबेरी फ्लेवर का दूध पिलाएं तो उन्हें यह ज़रूर भाएगा।
रंग बिरंगे कप
रंग बिरंगे खूबसूरत चीज़ें बच्चों को बहुत आकर्षित करती है। अगर आप अपने बच्चे के लिए ऐसा ही कोई फैंसी कप ले आएं जो उसे रिझाने में आपकी मदद करे तो आपका बच्चा ख़ुशी ख़ुशी उसमें दूध पीने को राज़ी हो जाएगा। तब उसका ध्यान दूध पर कम और अपने प्यारे से कप पर ज़्यादा जाएगा।
मिल्कशेक
भले ही आपके बच्चे को गाय का दूध पसंद न आए लेकिन उन्हें मिल्कशेक ज़रूर पसंद आएगा। सादे दूध को और भी मज़ेदार और स्वादिष्ट बनाने के लिए आप उनकी पसंद के फलों को ब्लेंडर में डालकर उसमें दूध मिला लें और फ्रूटी मिल्कशेक तैयार कर लें। इस मिल्कशेक से बच्चों को दूध के साथ फलों से मिलने वाला लाभ प्राप्त होगा।
दूध में रोटी
अगर काफी प्रयासों के बाद भी आपका बच्चा दूध न पिये तो आप उसे दूध में रोटी, ब्रेड डालकर भी खिला सकते हैं। इसके लिए आप रोटी या ब्रेड के छोटे छोटे टुकड़े कर लें, हो सके तो कुछ देर इन टुकड़ों को दूध में भिगोकर छोड़ दें ताकि वह पूरी तरीके से दूध में गल जाए और आपके बच्चे को निगलने में आसानी हो।
खेल खेल में
कई बार बड़ों को बच्चों के साथ बच्चा बनकर पेश आना पड़ता है। ऐसे में अपने बच्चे को दूध पिलाने के लिए आप थोड़े खेलकूद का सहारा ले सकते हैं। खेल खेल में आप बच्चे का ध्यान इधर उधर भटकाकर उसे दूध पिला सकते हैं।
जब बच्चेभूखे हो
बच्चे को दूध उस वक़्त दें जब वह बिल्कुल भूखे हों क्योंकि अगर उसने हल्का फुल्का पहले से कुछ खाया होगा तो वह कतई दूध पीने के लिए राज़ी नहीं होगा। बेहतर होगा आप दूध देने से पहले उसे कुछ खाने को न दें।
::/fulltext::ज़रा गौर से सोचें जब हम ऐसा कहते हैं कि महिलाओं के लिए प्रेम सम्बन्ध में पड़ना एक बड़ी बात है। कई ऐसे कारण हैं जो उसे ऐसा करने पर मजबूर करते हैं। कोई भी आंकलन करने से पहले यह सोचें कि ऐसा कौन सा कारण है जिस वजह से वह आपसे दूर दूसरे बिस्तर पर सोती है। दोष लगाने से पहले यह सोचें कि कहाँ गड़बड़ है और कोई भी महिला ऐसा करने पर विवश क्यों होती है? इस तेज़ी से चलती दुनिया में परिवर्तन ही संसार का नियम है। जब बात संबंधों और शादी की आती है तो किसी भी प्रकार की बेवफाई गलत होती है। पर एक बदलाव है जो झेलना पड़ता है। बेवफाई करना गलत ही माना जाता है। पर कोई यह नहीं पूछता कि किसी ने बेवफाई क्यों की? इन नाटकीय घटना के पीछे का कारण क्या है?
अपने संबंधों के प्रति महिलाओं का काफी झुकाव होता है। समय बदल रहा है और महिलाएं अब हर क्षेत्र में अच्छा कर रही हैं और आर्थिक तौर पर भी मज़बूत हो रही हैं। फिर भी वह अपनी आस्था और मान्यताओं से जुड़ी होती हैं जिनका बीज उनमें बचपन से ही बोया जाता है। जब एक लड़की की शादी होती है, तो वह सम्बन्ध जोड़ने में शिद्दत से लग जाती है। पर अगर वह संसर्ग और आनंद बाहर पाने लगती है तो सोचना चाहिए कि कहाँ गड़बड़ी हुई है जिससे एक महिला को दूसरे आदमी के साथ हमबिस्तर होने की नौबत आई। यह ऐसी चीज़ नहीं है जो शादी के बाद कोई महिला आनंद के लिए करती है। ऐसा कौन सा कारण है जो उसे आपसे ज़्यादा किसी और में दिलचस्पी हो गयी?
आइये उन कारणों को जानें जिस वजह से उसके प्रेम सम्बन्ध बने:
1. वह अपने अतीत से उबर नहीं पा रही
यह प्रेम सम्बन्ध बनने का सबसे प्रमुख कारण है। कई बार परिस्थिति ऐसी होती है कि एक महिला शादीशुदा होने के बावजूद प्यार दे नहीं पाती या फिर उस प्यार को ठीक से स्वीकार नहीं कर पाती जो उसे मिलता है। यह उसके अतीत की अनुभूति के कारण और अतीत की अभिलाषा के कारण होता है। यह उसे अपनी शादी के प्रति भ्रान्ति मुक्त करता है और दूसरे पुरुष के साथ प्रेम सम्बन्ध बनाने पर विवश करता है।
2. वह शादी से ऊब चुकी है
यह देखा गया है कि जब एक महिला रिश्ते से बोर हो जाती है तो वह बाहर चीज़ें ढूँढने लगती है। इससे भी अवैध प्रेम सम्बन्ध गहरे होते हैं। अगर आपकी अपनी पत्नी के साथ ठीक से बातचीत नहीं होती और ऐसी कोई चीज़ नहीं जिससे आप दोनों एक दूसरे में दिलचस्पी रख सकें, तो अफेयर होना लाज़मी है। ऐसा ना हो इसके लिए आपको अपनी पत्नी के साथ रिश्ते कामकाजी रखने चाहिए ना कि बस नाम के लिए।
3. भावनात्मक अकेलापन
हाँ, यह सच है कि किसी भी रिश्ते में भावनात्मक बंधन होना बहुत ज़रूरी है और अगर आपका अपनी पत्नी के साथ सही जुड़ाव नहीं है तो वह एक खालीपन पैदा करता है जिससे बेवफाई पनपती है। इससे आपकी पत्नी किसी दूसरे मर्द की तरफ आकर्षित हो सकती है।
4. बदला
कई बार एक महिला अफेयर सिर्फ बदला लेने के लिए भी करती है। मिले हुए धोखे से दुखी होकर या अपने पार्टनर द्वारा अनादर करने पर भी बदला लेने की प्रवृत्ति आ जाती है। वह ऐसा इसलिए भी करती हैं क्योंकि वह यह दिखाना चाहती है कि पुरुष नहीं बल्कि वह एक अहम पद संभालती है। यह बदला वह अपने पति को यह जताने के लिए करती है कि हमेशा किसी को दबाव में रखना कैसा लगता है।
5. काफी कम सम्भोग होना
एक महिला अफेयर तभी करती है जब उसे सम्भोग का अवसर कम मिलता है। वह जो सपने सम्भोग और उन्माद को लेकर देखती है वह पूरे नहीं होते। वह उन्हें पूरा करना चाहती है और इससे उसे अफेयर करने का विचार आता है।
6. उसका स्वाभिमान कम हो
कई बार ऐसा होता है कि महिलाओं को लगता है कि उनका स्वाभिमान काफी कम है और ज़्यादा स्वाभिमान इकठ्ठा करने के लिए वह दूसरों से प्रेम सम्बन्ध बनाती है। ऐसे अफेयर तब होते हैं जब महिला और उसके पति के बीच कुछ मसले हों।
जब आप अपनी पत्नी को उसका अधिकार नहीं देते तो उसका स्वाभिमान कम हो जाता है और फिर उसे वह आदमी पसंद आने लगता है जो उसके स्वाभिमान को ठेस नहीं पहुंचाता। यह कुछ कारण हैं जो एक महिला को बेवफा बना देते हैं और आपको इनपर ध्यान देना होगा ताकि आप जान सकें कि आपकी पत्नी का अफेयर चल रहा है या नहीं। यह उसके बेवफा होने और अफेयर करने के कारण हैं। आपको ज़्यादा जानने के लिए और गहराई में जाना पड़ेगा और यह कारण आपकी काफी मदद कर सकते हैं। किसी भी महिला और पुरुष के चरित्र का फैसला इस बात से ना करें कि उसने क्या किया है। गहराई में जाकर पता करें कि उसने ऐसा क्यों किया जो उसे नहीं करना चाहिए था। हमें आलोचनात्मक सोसाइटी से ऊपर उठकर सहानुभूति रखने वाली सोसाइटी में तब्दील होना चाहिए, जहाँ हम सोच विचार कर कोई निर्णय लें ना कि गलती की वजह जाने बिना उसपर प्रतिक्रया दें।
::/fulltext::पिंक मूवी में फिजिकल हैरेसमेंट और पेडमैन में महिलाओं के मेन्सट्र्रूऐशन से जुड़ी समस्याओं को दिखाने के बाद हाल ही में रिलीज हुई फिल्म वीरे दी वेडिंग में अभिनेत्री स्वरा भास्कर को मास्टरबेट करते हुए एक दिखाया गया है, इस सीन को लेकर सोशल मीडिया में काफी चर्चा में हैं। इस सीन के लिए ट्रोलर्स ने काफी भद्दे कमेंट भी किए है। लेकिन इस सीन के बाद फीमेल मास्टरबेशन पर काफी चर्चा होने लग गई है। हालांकि डॉक्टर्स की माने तो हस्तमैथुन करना नेचुरल एक्ट है। इससे न सिर्फ शरीर को आनंद महसूस होता है बल्कि सेक्सुअल तनाव भी दूर होता है। आइए जानते है महिलाओं के हस्तमैथुन करने के फायदें।
तनाव मुक्त
मास्टरबेशन के दौरान धड़कन बढ़ जाती है। ब्लड का फ्लो भी बढ़ता है और मसल में सख्ती आती है। इन सारी शारीरिक प्रक्रियाओं के कारण तनाव से मुक्ति मिलती है। जैसे कि आप सेक्स के बाद राहत और तनाव से मुक्त महसूस करते हैं।
रात में अच्छी नींद
जब आप सेक्सुअल क्लाइमेक्स पर होते हैं और फील गुड जोन में पहुंच जाते हैं तो इसका मतलब यह हुआ कि बॉडी से ऑक्सिटॉक्सिन और एंडोर्फिन हॉर्मोन्स रिलीज हो चुके हैं। और आपको मास्टरबेट करने से अच्छा महसूस होता है। इससे अच्छी नींद आती है।
मासिक धर्म के दर्द से मिलती है राहत
हस्तमैथुन से मासिक धर्म से जुड़ी परेशानियों को दूर करने में मिल सकती है। मासिक धर्म के दौरान होने वाले दर्द से हस्तमैथुन से निकलने वाले रसायन की वजह से राहत मिलती है।
प्रेगनेंट होने का डर नहीं
हस्तमैथुन करने का कोई भी नकारात्मक असर नहीं पड़ता है। इसे करने से आपको कोई भी नुकसान नहीं पहुंचता है। ना तो आप बीमार पड़ेंगे और ना ही आपको प्रेगनेंट होने का कोई डर सताएगा।
एक नेचुरल प्रक्रिया
हस्तमैथुन दुनियाभर में एक आम सेक्सुअल एक्टिविटी है और ये फिजिक्ली, मेंटली और इमोशनली राहत देने वाली क्रिया है। ऑर्गैजम से एंडॉरफिंस डोपामाइन और ऑक्सीटोसिन रिलीज होता है जिससे मूड अच्छा बनाने में मदद मिलती है।
चरम सुख की प्राप्ति
महिलायें आराम से और कोमलता से अपने आप को आनंद देती हैं। अगर उन्होंने अपनी उंगलियों के अलावा किसी अन्य वस्तु का प्रयोग इसके लिए किया तो कोशिश यही रहती है उसका स्पर्श आनंदित करने वाला हो।
नहीं होता है कैंसर
एक रिसर्च में ये बात भी सामने आई है कि फीमेल हस्तमैथुन में सर्वाइकल इन्फेक्शन से राहत मिलती है। रेग्युलर ऑर्गेजम से गर्भाशय पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इसके अलावा कम से कम महीनें में हस्तमैथुन करते हैं उनमें प्रॉस्टेट कैंसर की आशंका कम होती है।
रिसर्च भी कहती है
एक शोध में पता चला है कि 18 से ऊपर उम्र की अधिकतर महिलाओं ने कम से कम एक बार हस्तमैथुन किया था, लेकिन कुछ महिलाएं इसे नियमित तौर पर करती हैं। 25 से 29 के बीच 7.9 प्रतिशत महिलाएं एक सप्ताह में 2-3 बार हस्तमैथुन करती हैं। वहीं 23.4 प्रतिशत पुरुष एक सप्ताह में 3-4 बार हस्तमैथुन करते हैं।
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