Sunday, 22 December 2024

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नये रिश्ते को बनाना है बेहतर तो इन बातों पर करें चर्चा.....

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हर रिश्ता एक नई शुरुआत है और हर शुरुआत अतीत का अंत। प्यार में पड़ना सबसे खूबसूरत एहसास है जहां आप हर वक्त अपने प्यार के साथ बिताना चाहते हैं और एक की पल में अपने प्यार के लिये सब कुछ करना चाहते हैं। यदि आप नए रिश्ते में हैं तो ये कुछ चीज़ें हैं जिन्हें आपको अपने साथी के साथ चर्चा करने की आवश्यकता है। हर नए रिश्ते में लोगों को अपने आसपास की दुनिया बहुत खूबसूरत लगती है, जहां वो एक-दूसरे के साथ रह सकते हैं। लेकिन ईमानदारी से कहा जाए तो ऐसी कुछ चीज़ें हैं, जिन पर हर नए कपल को चर्चा करनी चाहिए। इससे जोड़े के बीच रिश्ता बेहतर होता है और लंबे समय तक चलता है।

अगर किसी जोड़े का रिश्ता नया है तो इन कुछ चीज़ों पर अपने पार्टनर से बात करने की ज़रूरत है। तो चलिये जानें कि नये रिश्ते को और बेहतर बनाने के लिये किन बातों पर चर्चा करनी चाहिए।

1. पिछले संबंध

आप दोनों को अपने पिछले संबंधों के बारे में एक दूसरे को स्पष्ट रूप से बता देना चाहिए। अतीत के बारे में सब कुछ बताकर एक नया रिश्ता बनाना एक अच्छा तरीका है। इस सच्चाई और ईमानदारी से आपके रिश्ते को मज़बूती मिलती है। इससे यह भी साबित होता है कि आप एक-दूसरे के प्रति पूरी तरह वफादार हैं और अपनी हर बात एक-दूसरे से शेयर करना चाहते हैं।

2. सीमाएं

आपको एक-दूसरे से उन चीज़ों पर चर्चा करनी चाहिए जो आप नहीं चाहते कि आपका पार्टनर करे। यानि कुछ ऐसी सीमाएं जो एक पार्टनर के लांघने से दूसरे को तकलीफ हो सकती हो इसलिये बेहतर है कि इन पर पहले ही बात हो जाए। इससे दोनों के बीच समझ बढ़ेगी और रिश्ता मज़बूत होगा। सीमा से मतलब है ऐसी हदें जो रिश्ते में कभी ना टूटे। ये सीमाएं भरोसा, कंफर्ट ज़ोन, पर्सनल स्पेस और इमोशनल सपोर्ट पर आधारित है।

3. परिवार

नये जोड़े को एक-दूसरे को अपने परिवार और हर सदस्य के बारे में बताना चाहिए कि परिवार का कौन सदस्य कैसा और क्या पसंद करता है ताकि परिवार में आप अपनी छवि अच्छी बनाने के लिये पहले से तैयार रहें। रिश्ते में परिवार एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और एक दूसरे के परिवार के बारे में जानने से परिवार में खुद को शामिल करनें में आसानी होती है।

4. पैसा

पैसा एक बहुत ही संवेदनशील विषय है जिस पर दोनों को ही चर्चा करनी चाहिए। रिश्ते की शुरुआत में पैसे के बारे में बात करना बेहद मुश्किल है लेकिन अपने साथी को अपने खर्च और बचत की आदतों के बारे में बताना ज़रूरी है। मनी मैनेजमेंट को लेकर एक दूसरे की राय और योजना के बारे में जानना अच्छा होता है।

5. भविष्य की योजनाएं

ये अच्छा होता है कि रिश्ते की शुरुआत में आप एक-दूसरे से अपने आने वाले कल की प्लानिंग के बारे में चर्चा करें। अगर आपके दिमाग में आने वाले वक्त को लेकर कोई योजना है तो अपने पार्टनर से ज़रूर बात करें, इससे एक-दूसरे को समझना आसान होगा और भविष्य में आप दोनों को एक ही रास्ते पर चलने में कोई परेशानी नहीं होगी।

6. उम्मीदें

रिश्ते में यह जानना ज़रूरी है कि आप क्या चाहते हैं और रिश्ते को लेकर एक-दूसरे से क्या उम्मीदे हैं। इससे रिश्ते में तनाव पैदा होने का खतरा नहीं रहता और आप एक-दूसरे की उम्मीदों पर खरा उतरने की कोशिश करते हैं। इस बारे में चर्चा किए बिना रिश्ते में आगे बढ़ने से बाद में परेशानी हो सकती है। इस वजह से ये बेहतर है कि एक दूसरे से और रिश्ते से उम्मीदों के बारे में शुरुआत बात करें।

7. पर्सनल स्पेस

हर इंसान को पर्सनल स्पेस की ज़रूरत होती है और पार्टनर से इस बारे में बात करना महत्वपूर्ण है। रिश्ते को बेहतर बनाने के लिए एक-दूसरे से इस बारे में बात करना अनिवार्य है। जितनी जल्दी आप और आपके साथी इस पर चर्चा करेंगे, आप एक-दूसरे के साथ उतनी जल्दी सहज महसूस करेंगे।

8. शारीरिक अंतरंगता

एक जोड़े के रूप में, आपको एक-दूसरे की शारीरिक ज़रूरतों और इच्छाओं का सम्मान करना चाहिए। आपको एक-दूसरे से इस बारे में चर्चा करनी चाहिए और एक-दूसरे की शारीरिक इच्छाओं के बारे में जानना चाहिए। इससे आपके रिश्ते में घनिष्टता बढ़ती है और आप एक-दूसरे को पूरी तरह संतुष्ट करने की कोशिश करते हैं।

हर जोड़े को इन 8 बातों पर रिश्ते के पहले साल में चर्चा करने की ज़रूरत है क्योंकि नये रिश्ते को मज़बूती देने और बेहतर बनाने के लिये यह ज़रूरी है। रिश्ते को खुशहाल बनाये रखने के लिये भ्रम, शक, और असमंजस की स्थिति को साफ करने की सलाह दी जाती है। जोड़े भले ही स्वर्ग में बनते हों लेकिन इस खूबसूरत रिश्ते को लंबे समय तक बरकरार रखना दोनों की ज़िम्मेदारी है।

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REP KIT : मेनका गांधी ने कहा दो महीने में सभी थानों में मौजूद होगा यह किट....

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नई दिल्ली। महिला एंव बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने कहा कि सरकार जल्द ही एक रेप किट् (Rape Kit) का इंतजाम करने जा रही है, जिससे रेप पीड़ित के मेडिकल जांच से संबंधित सारे रिकार्ड इसमें तुरंत स्टोर किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि भारत में दो महीने के भीतर सभी थानों में इस तरह का किट मुहैया कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि भारत के लिए यह किट बिलकुल नया है। मेनका गांधी ने बताया कि यह किट फॉरेंसिक लैब ने तैयार किया है। जिसमें ऐसी सुविधाएं मौजूद है, जिससे रेप पीड़ित के मेडिकल जांच में इस्तेमाल सूबतों को सुरक्षित रखा जा सकेगा। उन्होंने कहा कि जैसे ही कोई रेप पीड़ित थाना पहुंचेगी उसके सभी मेडिकल जांचों को इस किट में तुरंत बंद किया जाएगा। किट में सारी जानकारी और तारीख लिखी जाएगी। इस किट में रेप पीड़िता की कोई जानकारी नहीं लिखी जाएगी। किट को ताला लगाया जाएगा और तुरंत ही उसे फॉरेंसिक लैब में जांच के लिए भेजा जाएगा।

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क्या सही पॉश्चर में न बैठने की वजह से होता है कमर में दर्द?......

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क्लास में सीधे न बैठना, घर पर टीवी देखते हुए सुस्ताना या फिर आॅफिस में काम करते हुए पैर फैला कर बैठना इन तमाम केसस में ही हमारा पॉश्चर बिगड़ता है। ऐसे में यह मान्यता है कि इन सभी कारणों से पीठ के नीचले हिस्से में दर्द होता है। क्योंकि यह सच है कि, हमारा पॉश्चर पूरे स्वास्थ्य पर प्रत्यक्ष रूप से प्रभाव डालता है और लंबे समय तक गलत पॉश्चर में बैठें रहने की आदत हो जाए तो हैल्थ से जुड़ी बहुत सी समस्याएं हो सकती हैं। देखा जाए तो हम में से बहुत से लोगों को अक्सर बैक पैन की शिकायत रहती है। हालांकि यह दर्द कि समस्या हर इंसान में अलग-अलग स्तर पर और अलग-अलग कराणों से होती है। जैसे कि मान लीजिए कि कभी किसी के काम करते हुए मोच आ जाए, तो इसका दर्द कुछ समय बाद अपने आप छूमंतर हो जाएगा। जबकि यही दर्द अगर गठिया या ऑस्टियोपोरोसिस के कारण होता है, तो दर्द परेशान करता है और यह लम्बें समय तक रहता है।

 इसी तरह कुछ लोगों के केस में पीठ दर्द बेजह भी होता है, जबकि न तो उन्हें कोई बीमारी है और ना ही उन्हें कोई चोट लगी है यहां तक कि न उनकी कोई सर्जरी हुई। ऐसे में दर्द से परेशान लोगों को वाकई बैठने पर सही पॉश्चर, सही से खड़े होना और यहां तक कि चलने में भी सही पॉश्चर का बहुत ध्यान रखना पड़ता है? और क्या सही में परफेक्ट पॉश्चर जैसा कोई सिद्धांत है,जिसकी मदद से पीठ दर्द से छुटकारा पाया जा सकता है?

पॉश्चर व पीठ दर्द के बीच तालमेल

अमुमन माना जाता है कि 6-7 घंटे लगातार बैठकर, कम्प्यूटर पर काम करने की वजह से बहुत से हैल्थ प्रॉब्लम होने लगे है। जैसे कि सिर दर्द, कमर दर्द, आंखों में जलन इत्यादि, जबकि, इस मुद्दे पर हुए कई सर्वेक्षणों के मुताबिक, जिन लोगों का पॉश्चर भी सही था, या फिर आरामदायक चेयर पर बैठने वालें लोगों को भी पीठ दर्द की शिकायत रही है! ऐसे में यहां यह बात बिलकुल गलत साबित हो जाती है कि सीधे पॉश्चर में बैठने से किसी तरह की परेशानी नहीं होती। इतना ही नहीं, चार्टर्ड सोसाइटी फॉर फिजियोथेरेपी में पीठ दर्द से संबंधित व्यावसायिक खतरों और कार्यस्थल के कारणों पर शोध करने वाले एशले जेम्स भी, इस बात से सहमत नहीं हैं कि बैठने का पॉश्चर का कोई भी लिंग पीठ दर्द से है। एश्ले का कहना है कि हर इंसान का अपना अलग पॉश्चर होता है और सही पॉश्चर जैसी कोई चीज होती ही नहीं है, इसलिए यह कहना गलत है होगा कि हर कोई पीठ दर्द से पीड़ित है। इसके साथ ही इस विषय पर हुई बहुत से अध्ययनों में भी साबित हो चुका है कि सही पॉश्चर और पीठ दर्द के बीच कोई सीधा संबंध नहीं है।

ढंग से बैठना व पीठ दर्द

बैकपैन के लिए अगर सही पॉश्चर जिम्मेदार नहीं है तो आखिर फिर क्यूं इन दिनों बैकपैन की समस्या बढ़ने लगी है? तो इसका कारण लम्बें टाइम के लिए एक ही जगह पर बैठें रहना। जी हां जो लोग, कम्प्यूटर के सामने, टीवी के सामने व किताबें पढ़ने जैसे तमाम कामों के लिए बहुत देर तक एक ही जगह एक ही मुद्रा में बिना किसी ब्रेक के बैठें रहते है उन्हें ही पीठ दर्द की शिकायत रहती है। अब यह सवाल उठना भी वाजिब है कि आखिर ऐसा होता क्यो है? इसका जवाब देते हुए एशले जेम्स कहते हैं कि, असल में हमारे शरीर के तंत्र को लगातार काम करने, यहां कहे तो मूव करते रहने के लिए डिजाइन किया गया है।

इसलिए, जब कोई व्यक्ति बहुत लंबे समय तक बैठा रहता है तो, शरीर में नोकिसिप्टर नामक तंत्रिका पर दबाव पड़ने लगता है और इसी वजह से लंबे समय तक पीठ दर्द बना रहता है। इसलिए, यह सही है कि पीठ दर्द की असल वजह सही पॉश्चर नही, बल्कि लम्बें समय तक बिना ब्रेक लिए बैठें रहना है। इसलिए, यदि आप भी बहुत लम्बे टाइम के लिए एक ही जगह पर बैठे रहते हैं तो यह आदत बदले और थोड़ा-थोड़ा ब्रेक लेकर अपने काम को पूरा कर, पीठ दर्द से छुटारा पाए।  हालांकि, जबकि देखा जाए तो, उम्र और सही पॉश्चर में भी तालमेल बैठता है। जैसे कि यूनिवर्सिटी ऑफ लीड्स में मस्कुलोस्केलेटल के प्रोफेसर फिलिप कोनागान कहते हैं कि, जब हम बड़े होकर 60 साल की उम्र तक पहुंचते है, तब खराब पॉश्चर और आसल की वजह से पीठ दर्द की समस्या हो सकती है। क्योंकि इस उम्र में हमारी मांसपेशिया कमजोर होने लगती है।

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