Sunday, 22 December 2024

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तीन तलाक के विरोध में मुस्लिम लड़की ने उठाया यह कदम....

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खास बातें

  1. तीन तलाक का विरोध करने के लिए लोग अलग-अलग तरीके अपना रहे हैं
  2. मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के खिलाफ है
  3. मुस्लिम धर्मगुरु इसे धर्म से जुड़ा निजी मामला बता रहे हैं

जोधपुर: तीन तलाक का विरोध करने के लिए लोग अलग-अलग तरीके अपना रहे हैं. केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में जारी इस संबंध में दायर केस की सुनवाई में सरकार का पक्ष साफ कर दिया है. मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड और कई मुस्लिम धर्मगुरु सरकार के रुख का और कोर्ट में इस मामले की सुनवाई का विरोध कर रहे हैं. मुस्लिम धर्मगुरु इसे धर्म से जुड़ा निजी मामला बता रहे हैं वहीं सरकार ने तीन तलाक में मानवाधिकार और महिलाओं के अधिकार से जुड़ा मुद्दा माना है. जहां कट्टर मुसलमान इसमें कोर्ट और सरकार के दखल के खिलाफ हैं वहीं कई मुस्लिम महिलाओं ने इसके विरोध पर सड़क और कोर्ट का रुख भी किया है. कई मुस्लिम महिलाओं ने विरोध का अपना तरीका अपनाया है.

अब खबर है कि राजस्थान के जोधपुर से थोड़ी दूरी पर स्थित फलोदी कस्बे की एक मुस्लिम लड़की ने हिम्मत कर तीन तलाक के विरोध का ऐसा तरीका अपनाया जिससे कई कट्टर मुस्लिमों को दिक्कत होगी. इस लड़की ने हिंदू लड़के से शादी की है. तस्लीमा नाम की इस लड़की ने हिंदू रीति-रिवाज के साथ मंदिर में एक हिंदू लड़के से शादी की है मुस्लिम लड़की बोली कि हिन्दू धर्म में जीवनभर अपनी पत्नी के अलावा दूसरी महिलाओं को बहन बेटी की नज़र से देखता है. विवाहित लड़की ने कहा कि मुस्लिम समाज में लड़की की मर्जी पूछे बगैर ही उसकी शादी कर दी जाती है. तसलीमा के इस कदम से राजस्थान के अलावा पूरे देश में यह शादी चर्चा का विषय बन गई है.

 
 
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नर्स लिनी : निपाह पीड़ितों के इलाज के दौरान मौत आखिरी वक्त तक पीड़ितों का इलाज करती रहीं.....

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2004 में बांग्लादेश में खजूर की खेती करने वालों में इस बीमारी के फैलने से 31 लोगों की मौत हो गई थी

कोझिकोड. केरल के कोझिकोड में निपाह वायरस से पीड़ित मरीजों की सेवा करते हुए नर्स लिनी अपनी जान गवां बैठीं। दरअसल, वे पेरांबरा तालुक अस्पताल में काम करती थीं। यह वह अस्पताल है, जहां इस वायरस से प्रभावित सबसे ज्यादा मरीज इलाज के लिए पहुंचे हैं। लिनी इन्हीं लोगों में से तीन की देखभाल कर रही थीं। तभी वह इस जानलेवा वायरस से संक्रिमित हो गईं। जब उन्हें लगा कि वह बच नहीं पाएंगी तो उन्होंने अपने पति को चिट्ठी लिखकर कहा, मैं तुमसे अब मिल नहीं सकती। अपने बच्चों का ख्याल रखना। केरल में इस वायरस से प्रभावित होकर मरने वालों का आंकड़ा 13 पहुंच चुका है। मंगलवार को दो और लोगों की मौत हुई। छह लोगों की हालत नाजुक बनी हुई है, जबकि 25 को निगरानी में रखा गया है। केरल के मुख्यमंत्री पी विजयन ने कहा कि लिनी की निस्वार्थ सेवा को हमेशा याद रखा जाएगा।

आखिरी वक्त में परिवार का कोई सदस्य साथ में नहीं था
- पेरांबरा तालुक अस्पताल में काम करने वाली 31 साल की नर्स लिनी ने आखिरी वक्त तक अपने परिवार को खुद से दूर रखा था। ताकि परिवार वालों को संक्रमण न फैले। जब वे आखिरी सांस ले रही थीं, तब उनके परिवार में से कोई उनके साथ नहीं था। 
- वे केरल के चेंबानोडा क्षेत्र की रहने वाली थीं। उनका अंतिम संस्कार हेल्थ डिपार्टमेंट के विद्युत श्मशान में ही कर दिया था।

निपाह से कब संक्रिमित हुईं लिनी?
- कहा जा रहा है कि लिनी गुरुवार को अपने घर से निकली। उन्होंने शाम को 6 बजे अपनी डयूटी ज्वाइन की। इसके बाद उन्होंने इस वायरस से पीड़ित एक ही परिवार के तीन लोगों की देखभाल शुरू की। वे इन तीनों के साथ रातभर रहीं। उनसे बात करती रहीं। बाद में इन तीनों की मौत हो गई। 
- अस्पताल के मुताबिक, शायद इसी दौरान लिनी भी वायरस से संक्रिमित हो गई थीं।

लिनी के दो बेटे हैं, उनसे भी नहीं मिल सकीं
- लिनी के दो बच्चे सिद्धार्थ (5 साल) और रितुल (2 साल) हैं। दोनों मां को आखिरी बार देख भी नहीं सके। उनके पति सजीश लिनी की बीमारी के बारे में सुनकर दो दिन पहले ही बहरीन से केरल लौटे थे।

'पिता की तरह बिल्कुल अकेले मत रहना'
- पर्यटन मंत्री कदाकमपल्ली सुरेंद्रन ने लिनी की मौत पर दुख व्यक्त किया। उन्होंने फेसबुक पर लिनी का आखिरी पत्र शेयर किया जो उन्होंने अपने पति के लिए लिखा था। उसने लिखा- "मुझे नहीं लगता कि अब मैं तुमसे मिल पाऊंगी। प्लीज हमारे बच्चों की देखभाल करना। उन्हें अपने साथ गल्फ (खाड़ी देश) ले जाओ, और हमारे पिता की तरह बिल्कुल अकेले मत रहना।"

केरल हाई अलर्ट पर, कोझिकोड में चमगादड़ के जरिये फैला है यह वायरस
- केरल में जानवरों से फैलने वाला यह वायरस कोझिकोड में चमगादड़ के जरिये फैला है। फ्रूट बैट कहा जाने वाला चमगादड़ मुख्यत: फल या फल के रस का सेवन करता है। सूचना के बाद पूरा केरल हाई अलर्ट पर रखा गया है। 
- नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी ने ब्लड सैंपल की जांच के बाद पुष्टि की है कि बुखार के कारण हुई चार में से तीन मौतों की वजह निपाह वायरस था। पहली मौत 19 मई को हुई थी।

क्या होता है निपाह वायरस?
- फ्रूट बैट या सूअर जैसे जानवर इस वायरस के वाहक हैं। संक्रमित जानवरों के सीधे संपर्क में आने या इनके संपर्क में आई वस्तुओं के सेवन से निपाह वायरस का संक्रमण होता है। निपाह वायरस से संक्रमित इंसान भी संक्रमण को आगे बढ़ाता है। 1998 में पहली बार मलेशिया के कांपुंग सुंगई निपाह में इसके मामले सामने आए थे। इसीलिए इसे निपाह वायरस नाम दिया गया। 

- 2004 में यह बांग्लादेश में इस वायरस के प्रकोप के मामले सामने आए थे। बताया जा रहा है कि केरल में यह पहली बार फैला है।

- अभी तक इसकी कोई वैक्सीन नहीं बनी है।

 

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