Thursday, 26 December 2024

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दूषित पानी : एक गांव ऐसा जहां किडनी की बीमारी से मर रहे हैं लोग.....

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सुपेबेड़ा गांव गरियाबंद जिले के धुर नक्सल प्रभावित इलाके देवभोग से महज 12 किलोमीटर की दूरी पर बसा है. यहां के कई ग्रामीण किडनी की बीमारी से ग्रस्त हैं. छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित गरियाबंद जिले का गांव सुपेबेड़ा साफ पानी के अभाव में मर रहा है

रायपुर: छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित गरियाबंद जिले का गांव सुपेबेड़ा साफ पानी के अभाव में मर रहा है. जिला प्रशासन के अधिकारियों की मानें तो लगभग डेढ़ हजार की आबादी वाले इस गांव में वर्ष 2009 से अब तक किडनी की बीमारी से ग्रस्त 64 लोगों की मौत हुई है.बताया जाता है कि लगभग हर घर में कोई न कोई बीमारी का शिकार है. सुपेबेड़ा गांव गरियाबंद जिले के धुर नक्सल प्रभावित इलाके देवभोग से महज 12 किलोमीटर की दूरी पर बसा है.  यहां के कई ग्रामीण किडनी की बीमारी से ग्रस्त हैं. जिला प्रशासन के अधिकारियों की मानें तो लगभग डेढ़ हजार की आबादी वाले इस गांव में वर्ष 2009 से अब तक जान गंवाने वाले लोगों में से 64 लोग किडनी की बीमारी से ग्रस्त थे. बताया जाता है कि गांव में अन्य लोग भी बीमार हैं. गांव में रह रहे 30 बरस के तरूण कुमार सिन्हा की दोनों किडनी खराब हो चुकी हैं. दो बच्चों के पिता तरूण बताते हैं कि पिछले एक साल से तो वह कोई कामकाज ही नहीं कर पा रहे हैं. जमीन बेचकर इलाज करा रहे हैं, लेकिन अब वह पैसा भी खत्म होने को है. 

तरूण की पत्नी मालती को शिकायत है कि गांव में स्वच्छ पेयजल की आपूर्ति के लिए कुछ नहीं किया जा रहा ह. गांव में ही रहने वाली 28 वर्षीय प्रेमशीला के पति प्रीतम सिंह किडनी की बीमारी से ग्रस्त थे. 23 मई को उनकी मृत्यु हो गई. प्रीतमसिंह के पिता भी इसी बीमारी से पीड़ित थे और वर्ष 2011 में उनका निधन हुआ. प्रेमशीला के तीन बच्चे हैं और रोजी रोटी का कोई जरिया नहीं है.  गांव की सरपंच सुनीता नायक बताती है कि पीने का पानी ठीक नहीं होने के कारण लोग परेशान हैं. गांव के बोरवैल को पानी में फ्लोराइड और हैवी मेटल की मात्रा अधिक होने के कारण बंद कर दिया गया है. ग्रामीणों को इसका पानी इस्तेमाल नहीं करने की सूचना दी जा रही है. उन्होंने बताया कि फिलहाल पास के गांव निष्ठीगुडा के बोरवैल से पानी दिया जा रहा है, लेकिन यह स्थायी समाधान नहीं है. गरियाबंद जिले में मुख्य चिकित्सा अधिकारी रहे अरूण कुमार रात्रे बताते हैं कि सुपेबेड़ा में पानी में फ्लोराइड और आर्सेनिक की अधिक मात्रा की जानकारी मिली है. 

इसके अलावा ग्रामीण पड़ोसी राज्य उड़ीसा से आने वाली अवैध शराब पीते हैं और क्षेत्र में झोला छाप डॉक्टरों के गलत इलाज की वजह से भी ग्रामीणों को गंभीर बीमारी का सामना करना पड़ा है. गांव के मोहन लाल आडिल ने बताया कि लगभग दो महीने पहले ही उन्होंने अपने बेटे देवनारायण का विशाखापटनम के अस्पताल में आपरेशन करवाया है. बेटे की किडनी में पथरी थी.  इसी तरह 40 वर्षीय कमुता बाई आडिल का विशाखापटनम में इलाज चल रहा है. गरियाबंद जिले के कलेक्टर श्याम धावड़े का कहना है कि गांव में साफ पेयजल के लिए प्लांट लगाया गया है तथा पेयजल की अलग व्यवस्था की गई है. हालांकि उनका कहना है कि यह सिर्फ पेयजल की समस्या नहीं लगती इसलिए इसके कारणों के बारे में परीक्षण कराया जा रहा है और मिटटी की भी जांच कराई जा रही है.

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पुलिसकर्मियों की ‘संविलियन’ की चिंगारी भड़क चुकी है, धरना प्रदर्शन करने कलेक्टर से अनुमति मांगी......

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रायपुर. सोशल मीडिया में आज एक वीडियो जमकर वायरल हो रही है. वीडियो देखकर आपको अंदाजा लग जाएगा कि पुलिसकर्मियों की आंदोलन की आग भी भड़क चुकी है. इधर पुलिसकर्मियों ने 25 जून को राजधानी में धरना प्रदर्शन करने कलेक्टर से अनुमति मांगी है. पुलिसकर्मियों ने कलेक्टर से धरना स्थल में लाउडस्पीकर के प्रयोग करने की भी मांग रखी है. आज जमकर वायरल हो रही इस वीडियो में लोगों ने पुलिसकर्मियों के आंदोलन को समर्थन दिया है. आप गौर से देखेंगे तो मंच के पीछे बैनर में संविलियन लिखा नजर आ रहा है. वीडियो में किसी राकेश यादव को अपनी टीम में शामिल करने की बात कही जा रही है. मंच से एक शख्स ऐलान करते नजर आ रहा है कि 25 जून को पुलिस भी आंदोलन करने जा रही है. साथ ही एक अन्य शख्स यह भी कहते नजर आ रहा है कि सरकार ने पुलिसकर्मियों का हाथ काट दिया है. बाकी सभी बातें अब आप यह वीडियो देखकर ही समझ लीजिये कि चिंगारी किस कदर भड़कती जा रही है. इधर आज डॉ रमन सिंह ने 25 जून को होने जा रहे पुलिसकर्मियों के आंदोलन के संबंध में जानकारी से अनभिज्ञता जाहिर किया और पत्रकारों से कहा कि उन्हें इस मामले में कोई जानकारी नहीं है. साथ ही बता दें कि सोशल मीडिया में ‘पुलिस को दो उसका अधिकार, नहीं तो बदलेंगे सरकार’ की टैग लाइन भी जमकर वायरल हो रही है.

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डीएड एवं बीएड प्रशिक्षितों ने की शिक्षा विभाग में भर्ती किये जाने की मांग....

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रायपुर. राजधानी रायपुर के ईदगाह भाठा मैदान पर डीएड एवं बीएड प्रशिक्षित संघ धरने पर बैठा हुआ है. शुक्रवार से प्रशिक्षित संघ के कार्यकर्ता भूख हड़ताल पर बैठे हुए है. कार्यकर्ता आज मुंडन कराकर सरकार का विरोध कर रहे है.  साथ सरकार के खिलाफ नारेबाजी भी कर रहे है.प्रशिक्षित संघ का कहना है कि राज्य में 52 हजार शिक्षकों के पद रिक्त होने के बावजूद सरकार द्वारा भर्ती नहीं किया जा रहा है. जिसको लेकर ये विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है. इतना ही नहीं कार्यकर्ता सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी कर रहे है. इनका कहना है कि इतनी मेहनत करने के बाद भी बेरोजगार बैठे हैं. और रिक्त पद होने के बावजूद भर्ती नहीं की जा रही है. वहीं जैसे-जैसे छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव नजदीक आता जा रहा है वैसे-वैसे सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन का दौर भी तेज होता जा रहा है.

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मुख्यमंत्री ने जनता को दी ईद की बधाई....

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मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने ईद के मुबारक मौके पर मुस्लिम समाज सहित आम जनता को बधाई और शुभकामनाएं दी हैं। डॉ. सिंह ने आज यहां जारी शुभकामना संदेश में कहा है कि रमजान के पवित्र महीने में लगातार कठोर उपवास रखने के बाद सब लोग मिलकर ईद-उल-फितर का त्यौहार मनाते हैं। खुशियों का यह महापर्व सभी लोगों के लिए परस्पर प्रेम और भाईचारे के साथ सामाजिक सदभावना का पैगाम लेकर आता है। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर मुस्लिम समाज और आम जनता के जीवन में तरक्की और खुशहाली की कामना की है। 

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