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रायपुर. ईद के मौके पर मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने एक शानदार भावप्रद गजल की मतला ट्वीट किया है. मुख्यमंत्री ने ट्विटर में लिखा है कि ”रमज़ान के रोज़ों का सवाब पाएं हम,
आइये मिलकर जश्ने-ईद मनाएं हम.” साथ ही मुख्यमंत्री ने आगे लिखा है कि ”सामाजिक सौहार्द के प्रतीक पर्व ईद की आप सभी प्रदेशवासियों को तहे-दिल से मुबारकबाद. #EidMubarak”. ( सवाब मतलब शुभ कर्मों का फल होता है)
अब जरा समझ लें कि गजल का मतला क्या होता है. ग़ज़ल एक ही बहर और वज़न के अनुसार लिखे गए शेरों का समूह है. इसके पहले शेर को मतला कहते हैं. ग़ज़ल के अंतिम शेर को मक़्ता कहते हैं. मक़्ते में सामान्यतः शायर अपना नाम रखता है. आम तौर पर ग़ज़लों में शेरों की विषम संख्या होती है (जैसे तीन, पाँच, सात..). एक ग़ज़ल में 5 से लेकर 25 तक शेर हो सकते हैं. ये शेर एक दूसरे से स्वतंत्र होते हैं. कभी-कभी एक से अधिक शेर मिलकर अर्थ देते हैं. ऐसे शेर कता बंद कहलाते हैं.
ग़ज़ल के शेर में तुकांत शब्दों को क़ाफ़िया कहा जाता है और शेरों में दोहराए जाने वाले शब्दों को रदीफ़ कहा जाता है. शेर की पंक्ति को मिस्रा कहा जाता है. मतले के दोनों मिस्रों में काफ़िया आता है और बाद के शेरों की दूसरी पंक्ति में काफ़िया आता है. रदीफ़ हमेशा काफ़िये के बाद आता है. रदीफ़ और काफ़िया एक ही शब्द के भाग भी हो सकते हैं और बिना रदीफ़ का शेर भी हो सकता है जो काफ़िये पर समाप्त होता हो. ग़ज़ल के सबसे अच्छे शेर को शाहे बैत कहा जाता है. ग़ज़लों के ऐसे संग्रह को दीवान कहते हैं जिसमें हर हर्फ से कम से कम एक ग़ज़ल अवश्य हो. उर्दू का पहला दीवान शायर कुली कुतुबशाह है.
हालाँकि मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने सिर्फ गजल में एक अच्छा मतला लिखने का प्रयास किया है. साथ ही राज्यपाल बलरामजी दास टंडन ने ट्वीट में लिखा है कि ”ईद के पावन पर्व की आप सभी को ढेरों शुभकामनाएं.#EidMubarak”. यूँ कहें कि राज्यपाल बलरामजी दास टंडन ने सबको शुभकामनाओं की ईदी दी है.
::/fulltext::रायपुर. अजीत जोगी दिल्ली स्थित वसंत कुंज में भुट्टा खाकर तंदुरुस्त हो रहे हैं. इन दिनों उनकी डेली रूटीन योग-व्यायाम में बीत रही है. आज की मेडिकल बुलेटिन के मुताबिक वे विगत तीन दिनों से रोज़ इंडीयन स्पाइनल इंजरीज़ सेंटर याने वसंत कुंज में योग-व्यायाम कर रहे हैं. साथ ही अपने सैकड़ों शुभचिन्तकों से लगातार मिल भी रहे हैं. कल और परसों अवकाश होने के कारण इंडियन स्पाइनल इंजरीज़ स्पाइनल सेंटर का रीहबिलिटेशन विभाग बंद रहेगा. इस कारण समय का सदुपयोग करते हुए अजीत जोगी दो दिनों के लिए मेदांता अस्पताल में रूटीन फ़ॉलो-अप चेकअप करवाने जाएँगे तथा अगले सप्ताह फिर से इंडियन स्पाइनल इंजरीज़ सेंटर में व्यायाम (फिजियोथेरेपी) प्रारम्भ करेंगे. मेडिकल बुलेटिन अजीत जोगी के निजी चिकित्सक डॉक्टर रमन जोगी ने जारी की है.
::/fulltext::रायपुर 14 जून 2018। भिलाई के मंच पर आज प्रदेश के एक लाख 80 हजार शिक्षाकर्मियों की नजर टिकी है। प्रदेश भर के शिक्षाकर्मी प्रधानमंत्री मोदी के मंच से मुख्यमंत्री रमन सिंह के संबोधन पर टकटकी लगाये बैठे हैं, आज संविलियन पर मुख्यमंत्री पूरा सस्पेंस खत्म कर देंगे। हालांकि इसकी संभावनाएं ना के बराबर है, क्योंकि मुख्यमंत्री 10 मार्च को राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की मौजूदगी में संविलियन का ऐलान कर चुके हैं, लेकिन जिस तरह से मुख्यमंत्री ने सरगुजा में सरप्राइज एलान कर सभी को चौंका दिया था, उसके बाद ये अटकलें लग रही है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सभा मंच से मुख्यमंत्री संविलियन से पूरा पर्दा उठा सकते हैं। हालांकि चर्चाओं के बीच ये ये भी कहा जा रहा है कि अब जो भी बातें सामने आयेगी वो 18 जून को कैबिनेट की बैठक के बाद ही सामने आयेगी, लेकिन शिक्षाकर्मियों की नजरें जरूर सभा पर और उम्मीदें जरूर मुख्यमंत्री पर टिकी है। इधर शिक्षाकर्मी मोर्चा भी मुख्यमंत्री के संबोधन पर नजरें लगाये बैठा है। मोर्चा के प्रांतीय संचालक संजय शर्मा ने कहा है कि
“मुख्यमंत्री ने शिक्षाकर्मियो के सन्विलियन की घोषणा की है,,इसका हम स्वागत करते है,,लेकिन प्रतिवेदन को सार्वजनिक किए जाने की आवश्यकता है,,प्रधानमंत्री जी के आगमन पर हम उम्मीद करते है,,कि शिक्षा कर्मियो के सन्विलियन से सम्बंधित मसौदे व विस्तृत तथ्य का खुलासा करेंगे”
::/fulltext::रायपुर. दुर्गा महाविद्यालय में एक बार फिर एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने फीस वृद्धि, कैंटीन सुविधा समेत अव्यवस्थाओं की मांग को लेकर जोरदार प्रदर्शन किया. बड़ी संख्या में एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने प्राचार्य कक्ष के सामने जमकर नारेबाजी भी की. एनएसयूआई कार्यकर्ताओं का कहना है कि दुर्गा कॉलेज एक बड़ा महाविद्यालय है. ग्रामीण इलाके के छात्र-छात्राएं यहां आकर पढ़ाई करते है. उनके लिए कम फीस में अच्छी शिक्षा देनी चाहिए. लेकिन कॉलेज प्रबंधन ने फीस में वृद्धि कर दी है. जिससे छात्र इतनी फीस देने में सक्षम नहीं है. वहीं प्राचार्य का कहना है कि कॉलेज प्रबंधन मैनेजमेंट को देखती हमारे हाथ में कुछ नहीं होता है. एनएसयूआई कार्यकर्ताओं के मुताबिक कॉलेज प्रबंधन का तानशाही रवैया बढ़ गया है. कॉलेज में शिक्षकों की कमी है इसके बावजूद भी इनकी भरपाई नहीं कर पा रही है. एक तरफ फीस वृद्धि की जा रही है तो दूसरी ओर कोई सुविधा महाविद्यालय में नहीं है. कैंटीन का भवन बनकर तैयार हो गया है लेकिन कैंटीन की सुविधा अब तक चालू नहीं सकी है. जिससे छात्रों को खाने के लिए परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. एनएसयूआई कार्यकर्ताओं सुविधाओं के लेकर मांग कर रहे है. साथ प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी कर रहे है.
बता दें कि लगातार दुर्गा महाविद्यालय में इस तरह की समस्याओं को लेकर लगातार छात्र नेता प्रदर्शन करते आ रहे है. इसके बावजूद भी महाविद्यालय प्रबंधन इनकी समस्याओं को दूर नहीं कर पा रही है. हलांकि अब देखना होगा कि इसका कोई असर प्रबंधन पर पड़ता है या वहीं इसी तरह से मनमानी फीस बढ़ा कर पढ़ाई कराते रहेंगे. साथ ही बच्चों को भूखे रहकर ही गुजरना पड़ेगा या फिर कैंटिन की सुविधा मिल पाती है.
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