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गरीबों के मसीहा मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह 2003 में छ्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री बने. उसके बाद जब वनांचल के दौरे पर गए तो कुछ वनवासियों देखकर उनके चेहरे की चिंता बढ़ गई. वनवासियों के चेहरे काफी कुछ कह रहे थे जिसे मुख्यमंत्री ने पढ़ लिया था. वे रात को सो नहीं पाए. रात भर सोचते रहे कि जो चेहरे उन्होंने देखे हैं. उसे बदला कैसे जाए. दरअसल, रमन सिंह ने देखा कि जो आदिवासी छत्तीसगढ़ की पहचान हैं. वो बेहद गरीबी में गुज़र-बसर कर रहा है. उसके पास न तो भरपेट खाने को है न ही पूरा बदन ढंकने को कपड़े.
दरअसल, दिक्कत ये थी कि वनांचल में आमदनी के लिए इनके पास खेती नहीं थी. आमदनी पूरी तरह से वनोपज पर निर्भर रहती थी. वनोपज से लाभ सीमित था. रात भर सोच-विचार करने के बाद रमन सिंह ने वनवासियों की हालत सुधारने के लिए एक बड़ा कदम उठाने का फैसला कर लिया. साल 2004 में रमन सिंह ने अपने सीमित संसाधनों वाले राज्य के वनवासियों के जीवनस्तर को सुधारने के लिए तेंदुपत्ता में बोनस देने का बड़ा ऐलान किया.
2004 में लिए गए इस फैसले वनवासियों की जिंदगी ही बदल दी. बोनस देने का सिलसिला शुरु हुआ तो साल दर साल बढ़ता गया. 2016-17 में रमन सरकार की ओर प्रदेश भर के 14 लाख तेंदूपत्ता संग्राहकों को 2 सौ 74 करोड़ का बोनस दिया गया है.
एक नजर 2016-17 में दिए गए बोनस के आंकड़ें पर
कबीरधाम जिला- मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने अपने गृह जिला कबीरधाम में 22 हजार 3 सौ 47 संग्राहकों को 5.93 करोड़ का बोनस वितरित किया.
राजनांदगांव जिला- वहीं मुख्यमंत्री ने अपने निर्वाचन जिले राजानांदगांव में 21 हजार संग्राहकों को 4.75 करोड़ रुपए की बोनस राशि बांटी.
बिलासपुर जिला-इसी तरह से बिलासपुर में जिला यूनियन में 23 समितियों के 21454 संग्राहकों को 52606705 रूपये और मरवाही यूनियन में 16 समितियों के 17563 संग्राहकों को 29837518.82 रूपये का बोनस दिया गया.
जांजगीर-चांपा जिला- जांजगीर चांपा जिला यूनियन में 7 समितियों के 8059 संग्राहकों को 9351952 रूपये का बोनस दिया गया.
कोरबा जिला- कोरबा यूनियन के 37 समितियों के 13 करोड़ 1 लाख 55 हजार 242
रायगढ़ जिला- रायगढ़ जिले में यूनियन के 53 समितियों के 46 हजार 510 हितग्राहियों को 11 करोड़ 19 लाख 2 हजार 464 रुपए बोनस दिया गया. वहीं धरमजयगढ़ यूनियन में 59 समितियों के 47 हजार 645 हितग्राहियों को 21 करोड़ 4 हजार 519 रुपए दिया गया.
महासमुंद जिला- महासमुंद जिला यूनियन में 94 हजार संग्राहकों को 17.08 करोड़ रुपये का बोनस दिया गया.
बलौदाबाजार-भाटापारा- बलौदाबाजा
कोरिया-सूरजपुर जिला- वहीं कोरिया एवं सूरजपुर जिले के 81 हजार से अधिक संग्राहकों को 24 करोड 62 लाख 10 हजार 691 रूपये की बोनस राशि दी गई.
जशपुर जिला- जशपुर जिले के 24 वनोपज समितियों के 32 हजार 127 संग्राहकों को 5 करोड़ 4 लाख 95 हजार रूपये का बोनस दिया गया.
गरियाबंद जिला- गरियाबंद जिले की 70 प्राथमिक लघु वनोपज सहकारी समितियों के 56 हजार 416 संग्राहकों को 19 करोड़ 10 लाख 82 हजार रूपये का बोनस दिया गया.
धमतरी जिला- वन मण्डल धमतरी की 26 लघु वनोपज सहकारी समितियों के 22 हजार 678 संग्राहकों को 5 करोड़ 14 लाख 95 हजार रूपये का बोनस वितरण किया गया.
बलरामपुर-रामानुजगंज जिला- बलरामपुर-रामानुजगंज और सरगुजा जिले के एक लाख 20 हजार से अधिक तेंदूपत्ता संग्राहकों को 23 करोड़ 85 लाख रूपए से अधिक बोनस राशि का वितरण किया।
नारायणपुर जिला- नारायपुर जिले के 15 हजार तेन्दूपत्ता संग्राहकों को 2 करोड़ का बोनस बांटा गया. कांकेर जिला- एक लाख 06 हजार संग्राहकों को 41 करोड़ 83 लाख की बोनस राशि की सौगात दी गई.
रमन सिंह जानते हैं कि यह प्रदेश वनवासियों का है. यह छत्तीसगढ़ आदिवासियों का है. प्रदेश में वनवासियों की बहुलता है. 32 फीसदी आबादी आदिवासियों की जिदगी अगर खुशहाल नहीं होगी तो विकास का सपना अधूरा रहेगा. ये बोनस सालों से तेंदुपत्ता तोड़कर सरकार को करोड़ो रुपये के राजस्व देने वाले आदिवासियों की जिदगी में खुशहाली के रास्ते में उनकी आर्थिक हालत सबसे बड़ी बाधा थी.
किसी वनवासी के लिए छोटी-छोटी जरूरत पूरा करने की, किसी वनवासी को खेती में तरक्की करने की, किसी वनवासी के लिए बच्चों की अच्छी शिक्षा की, किसी वनवासी के लिए सुंदर घर बनाने की इच्छा थी. लेकिन इन उम्मीदों को पूरा करना आसान कहां था, पारिवारिक भरण-पोषण के साथ जीवन रसमय जीना कठिन जहां था. रमन सरकार ने इसी कठिनाई को दूर करने की शुरुआत की. तेंदूपत्ता संग्राहकों को पारिश्रमिक के साथ बोनस की सौगात दी. जैसे भगवान जीने की आस बढ़ा दी हो. जैसे उम्र बढ़ा दी हो. क्योंकि यह बोनस सिर्फ अर्थ के रूप में पूरी हुई जरूरत की नहीं है, बल्कि यह खुशियों का भी बोनस है. खुशियों के रस से भरा अर्थ का यह बोनस हर साल रमन सरकार तेंदूपत्ता संग्राहकों को देती है.
दरअसल रमन सरकार वनवासियों के लिए कई कल्याणकारी योजनाएं चला रही है. इन्हीं योजनाओं में से एक महत्वपूर्ण योजना है हर साल तेंदूपत्ता संग्राहकों को बोनस देने का. रमन सरकार की इस योजना ने लाखों संग्राहकों की जिंदगी बदल दी है. साल 2003- यह वह वर्ष था जब भाजपा की सरकार बनी थी. डॉ. रमन सिंह की पहली बार मुख्यमंत्री बने थे. छत्तीसगढ नया राज्य था और अब सिर्फ 3 साल ही हुए थे. उनके सामने कम बजट वाले राज्य को विकास की ओर लेने जाने की बड़ी चुनौती थी. लेकिन चुनौतियों के बीच वे वनवासियों की पीड़ा और चुनौतियों को भी देख रहे थे. उन्होंने कम बजट होने के बाद भी वनवासियों को लाभांवित करने का बड़ा फैसला लिया. सच कहे तो सरकार ने जैसा कहा, वैसा किया भी.
राज्य सरकार का ये फैसला कैसे हर साल वनवासियों की ज़िंदगी बदल रहा है. इससे जानने के लिए हमने कुछ लाभार्थियों की ज़िंदगी में झांका.
रामजी की बैल-जोड़ी का बोनस कनेक्शन
जरूरत के समय में अगर आपको कहीं से कोई मदद मिल जाए तो उससे बड़ी कोई चीज नहीं होती. ये मैं इसलिए कह रहा हूँ क्योंकि राजनांदगांव जिले का माओवाद प्रभावित मोहला-मानपुर क्षेत्र वनवासी किसान रामजी के साथ कुछ ऐसा ही हुआ है. दरअसल आर्थिक रूप से कमजोर ग्राम मुरझर के रामजी को अपनी खेती-किसानी के एक बैल-जोड़ी चाहिए थी. लेकिन इसके लिए उसे कर्ज लेना पड़ रहा था जो उनके परिवार के लिए बड़ी चुनौती थी. निवासी रामजी को 40,593 रूपए का बोनस मिला. बोनस पाकर गदगद राम जी ने कहा कि बोनस मिलना तो जैसे आम का आम और गुठली का दाम है. अब मेरी बैल-जोड़ी खरीदने का सपना पूरा हो जाएगा. वहीं बचे हुए पैसे का उपयोग बच्चों के पढ़ाई-लिखाई, भूमि समतलीकरण और कुछ पैसों का उपयोग बड़ी बेटी की षादी में हुई कर्ज चुकाने में करूंगा. यह सपना राज्य सरकार की किसानों के प्रति उदारता और उनके विकास के लिए दूरदृष्टि सोंच का ही परिणाम है. राम जी ने बताया वह और उनके परिवार ने मिलकर इस सीजन में 13 हजार 760 गड्डी तेन्दूपत्ता का संग्रहण किया था. संग्रहित कर फड़ में बेचे गए तेन्दूपत्ता का मूल कीमत तो उन्हें पहले से ही मिल चुका है. राम जी बोनस पाकर काफी उत्साहित है. उन्होंने मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह को बोनस देने के लिए धन्यवाद देते हुए कहा कि गरीबों के हित में सोचने वाले मुख्यमंत्री का शत्-शत् अभिन्दन है.
घर का मरम्मत निर्बाध हुआ
तेंदूपत्ता बोनस सुकमा जिले के छिन्दगढ़ के चिन्तलनार ग्राम में रहने वाले संग्राहक मुचाकी पोदिया के लिए किसी लाटरी से कम नहीं था. बोनस मिलने के बाद इस तेन्दुपत्ता संग्राहक की खुशी देखते ही बन रही थी. मुचाकी पोदिया को बोनस तिहार की राशि 8 हजार 236 रुपए मिलने पर खुशी से उछल पड़ा. उन्होंने बताया कि यह राशि मेरे लिए अतिरिक्त आमदनी है. इससे अब मेरे घर-मरम्मत का कार्य आसानी से हो जाएगा और इसकी चिन्ता दूर हो गई है. इसके लिए बहुत पहले से सोच रहा था लेकिन रुपए की कमी सता रही थी. परिवार में सात सदस्य हैं इस राशि से परिवार के गुजर-बसर सहित घर मरम्मत के कार्य में भी अब कोई परेशानी नहीं आएगी. तेन्दुत्ता संग्राहक पोदिया द्वारा गत वर्ष 2016 में 3 हजार 5 सौ 15 गड्डी तेन्दूपत्ता का संग्रहण किया था. इसके लिए उन्हें अभी 8 हजार 236 रुपए की बोनस राशि प्राप्त हुई है.
बच्चों को पढ़ा लिखा कर बनाएंगे अफसर
सरकार द्वारा तेंदुपत्ता प्रोत्साहन पारिश्रमिक (बोनस) के प्रदान करने से ग्राम एरामंगी निवासी लखमी आरकी ने बहुत खुशी जताई है. बीजापुर जिला मुख्यालय में आयोजित तेंदुपत्ता बोनस तिहार कार्यक्रम में आरकी को 16 हजार 548 रूपये की बोनस राशि प्राप्त हुई. आरकी ने कहा कि बोनस राशि पाकर उसेे जिंदगी को संवारने में बहुत मदद मिलेगी. उसने कहा कि इसका उपयोग घर परिवार के जरूरी कार्यो में कर पाएंगे. इससे हम अपने बच्चों की शिक्षा दीक्षा में भी करेंगे. इसके लिए हमें किसी दूसरे से रूपए धार लेना नहीं पड़ेगा. इस तरह हमें अपने परिवार के सुविधापूर्वक गुजर बसर में बहुत आसानी होगी. आरकी द्वारा गत वर्ष 2016 में तेंदुपत्ता संग्रहण के दौरान 9 हजार 600 गड्डी तेंदुपत्ता संग्रहण किया गया. जिसका आज गुदमा समिति के माध्यम से 16 हजार 458 रूपए का बोनस राशि मिली है.
::/fulltext::अंबिकापुर. राजनीति के क्षेत्र में अब धीरे-धीरे किन्नर भी अपनी किस्मत आजमाने के लिए राजनीतिक मैदान में उतर रहे हैं. मध्यप्रदेश के शहडोल जिले की सोहागपुर विधानसभा से सबसे पहली किन्नर शबनम मौसी के चुनाव लड़ने के बाद, जबलपुर से एक पार्षद, कटनी की एक महापौर, और रायगढ़ में महापौर मधु किन्नर के बाद अब सरगुजा में भी एक किन्नर राजनीति के महासमर में कूद पड़ी हैं. अंबिकापुर विधानसभा क्षेत्र से पहली बार किन्नर मुस्कान इस क्षेत्र से बतौर निर्दलीय प्रत्याशी विधानसभा चुनाव लड़ने का निर्णय लिया है. मंगलवार को रायगढ़ नगर निगम की महापौर मधु किन्नर सहित अन्य सहयोगियों की उपस्थिति में मुस्कान किन्नर अंबिकापुर विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय प्रत्याशी तौर चुनाव लड़ने का फैसला लिया है.
इस बार चुनाव में छत्तीसगढ़ के नेता प्रतिपक्ष और सरगुजा महाराज के खिलाफ अम्बिकापुर की मुस्कान किन्नर निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लडेंगी. चुनाव को लेकर तृतीय लिंग समुदाय उत्साहित भी है. देखा यह भी जा सकता है इस बार का यह चुनाव रोचक हो सकता है. सरगुजा जिले के अम्बिकापुर विधानसभा के तीनों सीटों पर कांग्रेस का कब्जा है. इस बार चुनाव पर इन तीनों सीटों पर भाजपा की नज़र भी टिकी हुई है. इसी बीच मुस्कान किन्नर ने भी निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा अम्बिकापुर से कर दी है.
इस विधानसभा सीट से फिलहाल कांग्रेस की ओर से एक मात्र चेहरा नेता प्रतिपक्ष टीएस सिंहदेव है. जो कि अभी मौजूदा विधायक भी है. कांग्रेस को इस विधानसभा सीट पर किसी अन्य पार्टी ने अभी मात नहीं दी है. पिछले कई सालों से यहां कांग्रेस का दबदबा बना हुआ है. भाजपा भी इस विधानसभा में टक्कर की चुनाव लड़ने की तैयारी में है. इसलिए अभी तक भाजपा यहां अपना प्रत्याशी खड़ा नहीं कर पाई है. तो वहीं इसी बीच मुस्कान किन्नर भी इस विधानसभा से चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है.
अब देखना यह होगा कि इस बार अम्बिकापुर में एक महाराज के सामने कौन बाजी मार पाता है. वहीं मुस्कान किन्नर भी इस चुनाव में कितना असर डालने में सफल हो पाती हैं.
::/fulltext::नई दिल्ली- छत्तीसगढ़ प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) रूर्बन मिशन, महात्मा गांधी ग्रामीण रोजगार गारंटी के क्रियान्वयन में देश में अव्वल राज्य बन गया है.छत्तीसगढ़ को राष्ट्रीय स्तर पर फिर से सम्मानित किया गया हैं.पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अंतर्गत संचालित विभिन्न योजनाओं में छत्तीसगढ़ का प्रदर्शन देश में अव्वल रहा है. छत्तीसगढ़ को आज विभिन्न वर्गो में शानदार प्रदर्शन के लिए 15 राष्ट्रीय पुरस्कार मिले और इसी के साथ छत्तीसगढ़ देश में सर्वाधिक पुरस्कार वाला राज्य बना. आज नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ को प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण), रूर्बन मिशन, महात्मा गांधी ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना में देश में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन पर प्रथम पुरस्कार से नवाजा गया है.
छत्तीसगढ़ को प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में राज्य के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में कठिन परिस्थितियों के मध्य पिछले वित्तीय वर्ष में 1700 कि.मी. सड़क का सफलता पूर्वक निर्माण कर दूरस्थ क्षेत्रों को सड़क मार्ग से जोड़ने हेतु स्पेशल पुरस्कार भी प्रदान किया गया है. पुरस्कार को केन्द्रीय एवं ग्रामीण विकास मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर के हाथों छत्तीसगढ़ के पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव आर. पी. मंडल, सचिव पी. सी. मिश्रा ,संचालक पंचायत एवं ग्रामीण विकास संस्थान एम. के. त्यागी ने ग्रहण किया. इस अवसर पर केन्द्रीय पंचायत एवं ग्रामीण विकास राज्य मंत्री रामकृपाल यादव, सहित अन्य गणमान्य अधिकारीगण भी उपस्थित थे.
छत्तीसगढ़ को विभिन्न श्रेणियों में प्राप्त पुरस्कारो को ग्रहण करने वालो में छत्तीसगढ़ एनआरयूएम के स्टेट डायरेक्टर नीलेश क्षीरसागर, उपसचिव जितेन्द्र शुक्ला, डिप्टी कमिश्नर सीमा मिश्रा, जिला पंचायत रायपुर के सीईओ दीपक सोनी, संचालक प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) अमृत विकास टोप्नो व जिला पंचायत जशपुर के सीईओ कुलदीप शर्मा, राकेश चतुर्वेदी, कोण्डागांव व रायगढ़ जिला पंचायत सीईओ संजय कन्नौजे व चंदन त्रिपाठी, त्रषिकेष तिवारी, प्रकाश परिहार, विनय गुप्ता व दीप घोष शामिल थें.
छत्तीसगढ़ को प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के अंतर्गत पांच वर्गो में छः पुरस्कार प्रदान किया गया है. योजना के अंतर्गत देश मंे सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन पर सर्वश्रेष्ठ राज्य का प्रथम पुरस्कार, सर्वश्रेष्ठ जिले में कोंडागांव जिले को द्वितीय पुरस्कार तथा धमतरी जिले को योजना के तहत तृतीय पुरस्कार प्रदान कर सम्मानित किया गया है. रायगढ़ जिले के सारंगढ़ विकासखण्ड को देश में विकासखण्ड स्तर पर द्वितीय पुरस्कार तथा प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के अंतर्गत ही ग्रामीण राज्य मिस्त्री प्रशिक्षण में राज्य स्तर पर छत्तीसगढ़ को द्वितीय पुरस्कार और मैनेजमेंट इंफाॅरमंेशन सिस्टम में आधार सीडिंग के लिए छत्तीसगढ़ को प्रथम पुरस्कार दिया है. उल्लेखनीय हैं कि छत्तीसगढ़ में प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण अंतर्गत उत्कृष्ट कार्य के आधार पर राज्य को वर्ष 2016-17 से 2018-19 के मध्य तीन वर्षो में कुल 7.88 लाख आवास निर्माण का लक्ष्य दिया गया है. इसमें छह सितंबर की स्थिति में चार लाख आवास पूर्ण हो चुके हैं.
डाॅ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी रूर्बन मिशन के तहत राज्य में विकासमूलक विभिन्न कार्यो के बेहतर प्रदर्शन पर छत्तीसगढ को प्रथम पुरस्कार से सम्मानित किया है. महात्मा गांधी ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना में बेयरफुट टेक्नीशियन (बी.एफ.टी.) प्रशिक्षण में प्रथम पुरस्कार इसी योजना के अंतर्गत जियो-टैगिंग के लिए द्वितीय पुरस्कार के साथ योजना में जिला जशपुर व ठाकुर प्यारेलाल पंचायत एवं ग्रामीण प्रशिक्षण संस्थान को बी.एफ.टी प्रशिक्षण हेतु उत्कृष्ट कार्य हेतु पुरस्कृत किया गया है.
::/fulltext::रायपुर। भारत बंद के बाद कल कांग्रेस का राजधानी में अनूठा प्रदर्शन देखने को मिल सकता है। कांग्रेस विधायक कल साइकिल और बैलगाड़ी से से विधानसभा जायेंगे। दरअसल ये प्रदर्शन महंगाई के विरोध को लेकर होगा। दरअसल कल महंगाई के मुद्दे पर कांग्रेस के बुलाये भारत बंद का व्यापक असर दिखा था, जिसकी वजह से कांग्रेस महंगाई के मुद्दे पर भाजपा सरकार को छत्तीसगढ़ से दिल्ली तक घेरने की कोशिश कर रही है।
इधर कल सदन में अनुपूरक बजट पर चर्चा होगी। चर्चा के बाद कल ही उसे पास भी कर दिया जायेगा। इधर कांग्रेस कल इस मामले में अपने तीखे तेवर दिखाने की तैयारी में हैं। जानकारी के मुताबिक सदन में कल कांग्रेस महंगाई के मुद्दे पर स्थगन ला सकती है, वहीं डेंगू से मौतों के मुद्दे पर भी कांग्रेस कल नियम 139 के तहत चर्चा कराने की मांग करेगी।
आज कांग्रेस विधायक दल की बैठक हुई, बैठक में कल कल महंगाई के मुद्दे पर सरकार को घेरने की रणनीति भी तैयार की गयी। माना जा रहा है कि कांग्रेस विधायक कल कांग्रेस भवन से महंगाई का विरोध जताने साइकिल या फिर अन्य तरीके से अनूठे अंदाज में विधानसभा तक जायेंगे। हालांकि अभी तक ये पूरा कार्यक्रम तय नहीं हुआ है। कल सदन में अनुपूरक पर चर्चा से पहले कांग्रेस महंगाई के मुद्दे पर स्थगन लायेगी और उस पर चर्चा कराने की मांग करेगी। वहीं नियम 139 के तहत कांग्रेस कल डेंगू से मौत मामले पर चर्चा कराने की कोशिश करेगी।
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